भागलपुर: सूचना व सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में 11 फीसदी प्रतिवर्ष रोजगार बढ़ने की उम्मीद है. अमेरिका में इस क्षेत्र के रोजगारों को प्रतिवर्ष 80 हजार यूएस डॉलर का औसत वेतन दिया जाता है. भारत में इस क्षेत्र में प्रतिवर्ष दो से तीन लाख पैकेज दिये जाने की उम्मीद है. आमतौर पर इस क्षेत्र में कुशल कर्मचारियों की अधिक मांग की वजह से दो साल के भीतर वेतन दोगुना हो जाने का अनुमान है.
एक सर्वे के मुताबिक भारत वर्ष में 2015 तक कम से कम पांच लाख साइबर सुरक्षा कर्मचारियों की जरूरत होगी. वर्तमान में भारत में मात्र 556 साइबर सुरक्षा के एक्सपर्ट हैं, जो कुल मांग का मात्र पांच प्रतिशत है. कंपनी के प्रेसिडेंट अमित कुमार ने बताया कि केस्परस्काई ने एक सूची तैयार की, जिसमें सबसे ज्यादा साइबर अटैक होने की संभावनाओं में भारत को नौवें स्थान पर रखा गया है. एक सरकारी अनुमान के आधार पर विगत तीन महीनों में 1000 सरकारी वेबसाइट को हैक किया गया. सरकार द्वारा वेब साइट्स के हैक होने पर प्रोफेशनल को बुलवा कर उसे ठीक करवाते हैं. सरकार को साइबर सिक्युरिटी कोर्स को बढ़ावा देना चाहिए.
उन्होंने बताया कि आज के आधुनिक और वैश्वीकरण के युग में सूचना क्रांति, आम लोगों की जिंदगी में अहम भूमिका निभा रही है. प्रबंधन व सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साइबर सिक्युरिटी व एल्गो-ट्रेडिंग एक नये अवसर के रूप में उभर कर आ रहे हैं. साइबर फोर्ट, सूचना, सुरक्षा व वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने वाली एक प्रशिक्षण संस्था है.
साइबर फोर्ट संस्था का उद्घाटन नयी दिल्ली में आयोजित विश्व-शिक्षा सम्मेलन 2013 के दौरान दुनिया भर के जाने-माने शिक्षाविदों की उपस्थिति में किया. साइबर फोर्ट आइएसओ 9001:2008, आइएसओ 27001:2005, आइएडीएल, यमके व यूएसडीएलए, यूएसए एक मान्यता प्राप्त सदस्य है. साइबर फोर्ट के सूचना तथा वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले स्नातक व स्नातकोत्तर और डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स प्रदान करने के लिए संस्था, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय व इसी-काउंसिल (साइबर सुरक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा प्रमाणन निकाय) के साथ संबद्घ है.