नगर आयुक्त ने इन कंपनियों को इस महीने तक बकाया टैक्स जमा करने की मोहलत दी है. नगर आयुक्त ने सोमवार को एक मोबाइल कंपनी के प्रतिनिधि को कड़ी फटकार लगायी थी और बकाया राशि शीघ्र जमा करने को कहा था. उन्होंने निगम के संबंधित विभाग के अधिकारी को नोटिस भेजने को भी कहा है.
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मोबाइल टावरों का जाल, पर नहीं देते पैसा, निगम ने चेताया बकाया दो, वरना टावर सील
भागलपुर: शहरी क्षेत्र में मोबाइल सेवा ठप हो सकती है. नगर निगम ने शहरी क्षेत्र स्थित 11 मोबाइल कंपनियों का टावर सील करने का फैसला लिया है. इसमें बीएसएनएल सहित कई निजी कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों के पास नगर निगम का एक करोड़ 30 लाख रुपये टैक्स बकाया है. नगर निगम इन कंपनियों को […]
भागलपुर: शहरी क्षेत्र में मोबाइल सेवा ठप हो सकती है. नगर निगम ने शहरी क्षेत्र स्थित 11 मोबाइल कंपनियों का टावर सील करने का फैसला लिया है. इसमें बीएसएनएल सहित कई निजी कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों के पास नगर निगम का एक करोड़ 30 लाख रुपये टैक्स बकाया है. नगर निगम इन कंपनियों को पिछले दो साल से टैक्स जमा करने के लिए नोटिस भेज रहा है, लेकिन कंपनियों ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है. इसके बाद नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह ने इन मोबाइल कंपनियों का टावर सील करने का फैसला लिया है.
कई ने रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया है. नगर निगम ने जिन 11 मोबाइल कंपनियों का टावर सील करने का निर्णय लिया है, उसमें दो-तीन कंपनियों ने ही टावर के लिए नगर निगम से पंजीकरण कराया है. एक टावर के रजिस्ट्रेशन के लिए 50 हजार रुपये लगते हैं. साथ ही सालाना नवीकरण शुल्क 15 हजार रुपये है. जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 से किसी मोबाइल कंपनी ने टावर का पंजीकरण नहीं कराया है. जिनका पूर्व में पंजीकरण था, उन्होंने भी वर्ष 2011 से नवीकरण नहीं कराया. इस तरह पंजीकृत मोबाइल कंपनियों पर पंजीकरण और नवीकरण का लगभग 75 लाख रुपये बकाया है.
कई टावर अवैध भी
नगर निगम के अनुसार निगम क्षेत्र में 190 मोबाइल टावर लगे हैं, लेकिन जानकारों का दावा है कि शहर में इससे ज्यादा टावर हैं. ये टावर अवैध रूप से लगाये गये हैं. इनके लिए मोबाइल कंपनियों ने न तो पंजीकरण कराया है और न ही लगाने की अनुमति नगर निगम से ली है. निगम के अधिकारी और कर्मचारी इसकी जानकारी होने की बावजूद कोई कार्रवाई इन कंपनियों पर नहीं करते हैं. न तो मोबाइल टावरों की जांच की जाती है, न ही मोबाइल कंपनियों को टावरों का पंजीकरण कराने का दबाव बनाया जाता है. जबकि नियम के अनुसार हर महीने मोबाइल टावर की जांच होनी चाहिए.
इन पर है बकाया
टाटा टेली सर्विस, रिलायंस, भारती इंफ्राटेल, एयरटेल, बीएसएनएल, अमेरिकन टावर, एसेट टेली कॉम, वोडाफोन, रिलायंस जियो, एयर सेल व क्यूको टावर कंपनी.
मानक का भी होता है उल्लंघन
निगम क्षेत्र में टावर लगाने में मोबाइल कंपनियों ने मानक का ध्यान भी नहीं रखा है. अपनी मरजी और जगह की उपलब्धता के आधार पर कहीं भी टावर लगा दिया गया है. नियम के अनुसार स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, निजी नर्सिंग होम के 300 मीटर के दायरे में मोबाइल टावर नहीं लगना चाहिए. इसके अलावा सघन आबादी वाले क्षेत्र में भी टावर नहीं लगना चाहिए, लेकिन भागलपुर में ऐसा नहीं है. हर ओर टावर लगे हुए हैं.
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