– पीजी आंबेडकर विचार एवं समाज कार्य विभाग में आयोजित समारोह में बोले कुलपतिफोटो : सुरेंद्रवरीय संवाददाता, भागलपुरबाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर ने विकास का जड़ शिक्षा को माना था. उनका कहना था कि शिक्षित नहीं होंगे, तो संविधान को नहीं जान सकेंगे. जब संविधान को नहीं जानेंगे, तो संघर्ष नहीं कर सकेंगे. ऐसे में शिक्षित होना बेहद जरूरी है. आंबेडकर व मालवीय जी की परिकल्पना थी कि जब तक कृषि के साथ-साथ इंडस्ट्री का विकास नहीं होगा, अन्य देशों से हम आगे नहीं बढ़ सकते. यह बातें मंगलवार को पीजी आंबेडकर विचार एवं समाज कार्य विभाग में आयोजित बाबा साहब की जयंती पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे ने कही. प्रतिकुलपति प्रो एके राय ने कहा कि बाबा साहब केवल दलितों के ही मसीहा नहीं थे, बल्कि उन्होंने समाज के प्रत्येक शोषित, पीडि़त वर्ग की समानता के लिए संघर्ष किया. समारोह को डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार, पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ उपेंद्र साह, डॉ फारुक अली, डॉ मोहसीन खान, डॉ कपिलदेव मंडल, डॉ आनंद आजाद, डॉ चंद्रभूषण आदि ने संबोधित किया. मानविकी के पूर्व डीन डॉ प्रभु नारायण मंडल ने अध्यक्षता की. अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ विलक्षण रविदास ने किया. संचालन डॉ सुबोध प्रसाद साह ने किया. विक्रम द्वारा निर्देशित नाटक मत बांटो इनसान का मंचन किया गया. नाटक में नैयर निसार, विनोद, राजीव, कुंदन, अनुराधा, ज्योति, अविनाश, मुकेश ने भूमिका अदा की. प्रो श्रवण कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस मौके पर मैथिली के विभागाध्यक्ष प्रो केष्कर ठाकुर, गांधी विचार विभाग के शिक्षक प्रो परमानंद सिंह, विकास पदाधिकारी डॉ इकबाल अहमद भी मौजूद थे.
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आंबेडकर ने शिक्षा को बताया था विकास का जड़
– पीजी आंबेडकर विचार एवं समाज कार्य विभाग में आयोजित समारोह में बोले कुलपतिफोटो : सुरेंद्रवरीय संवाददाता, भागलपुरबाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर ने विकास का जड़ शिक्षा को माना था. उनका कहना था कि शिक्षित नहीं होंगे, तो संविधान को नहीं जान सकेंगे. जब संविधान को नहीं जानेंगे, तो संघर्ष नहीं कर सकेंगे. ऐसे में […]
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