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खुलासा: मूसल से मार की गयी थी अधिवक्ता की हत्या

भागलपुर: लोदीपुर पुलिस ने अधिवक्ता आशीष कुमार हत्याकांड का खुलासा कर लिया है. मृतक आशीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कड़े हथियार से सिर पर वार करने की पुष्टि हुई है. यह वार आशीष के लिए प्राण घातक साबित हुआ और उसकी मौत हो गयी. पुलिस ने पहले ही दिन घटनास्थल से खल का मूसल जब्त […]

भागलपुर: लोदीपुर पुलिस ने अधिवक्ता आशीष कुमार हत्याकांड का खुलासा कर लिया है. मृतक आशीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कड़े हथियार से सिर पर वार करने की पुष्टि हुई है. यह वार आशीष के लिए प्राण घातक साबित हुआ और उसकी मौत हो गयी. पुलिस ने पहले ही दिन घटनास्थल से खल का मूसल जब्त किया था.

पुलिस का दावा है कि इसी मूसल से आशीष के सिर के पीछे वार किया गया था, जिससे उनकी मौत हो गयी. परिजनों की कहानी कि सीढ़ी से गिर कर आशीष की मौत हुई को लेकर पुलिस ने घटनास्थल पर डेमो किया. लेकिन डेमो में सीढ़ी से गिरने की बात दूर-दूर तक साबित नहीं हुई.

रेलिंग और रस्सी जस की तस. परिजनों का दावा था कि आशीष लोहे की सीढ़ी पर टंकी देखने के लिए चढ़े थे, इसी दौरान वह पीछे की ओर से उलट गये और उन्हें चोट लगी गयी. इस कारण उनकी मौत हो गयी. लेकिन सीढ़ी के पीछे एक रस्सी बंधी है. अगर सीढ़ी सहित अधिवक्ता पीछे की ओर गिरते तो रस्सी अवश्य टूट जाती. लेकिन रस्सी जस की जस है. अगर सीढ़ी पीछे की ओर गिरेगी तो वह सीधे रस्सी को तोड़ते हुए रेलिंग पर जाकर गिरेगी. लेकिन रेलिंग पर भी ऐसा कोई निशान नहीं है, जिससे यह स्पष्ट हो कि सीढ़ी गिरी थी. जबकि आशीष कुमार का वजन करीब 90 किलो से अधिक था. पुलिस का कहना है कि अगर आशीष कुमार सीढ़ी से गिरते तो क्या सिर्फ सिर के पीछे ही चोट लगती?
चौकी तक कैसे पहुंचे आशीष कुमार
बिंदु देवी का कहना था कि जिस समय उनके पति सीढ़ी से गिरे उस समय घर पर सिर्फ उनकी बेटी जुली और वो थी. महिला का दावा था कि सीढ़ी से गिरने के बाद आसपास के तीन-चार लोगों को उन्होंने बुलाया और जमीन पर गिरे आशीष कुमार को उठा कर चौकी पर लिटाया. लेकिन पुलिस ने जब उन तीन-चार लोगों से पूछताछ की तो किसी ने इस बात की पुष्टि नहीं की. सभी लोगों ने बताया कि घटना की जानकारी पाकर जब वे लोग पहुंचे तो आशीष कुमार चौकी पर पहले से लेटे हुए थे और उल्टी कर रहे थे. अगर ऐसा नहीं है तो इतने भारी-भरकम शरीर वाले आशीष कुमार को बिंदु देवी जमीन से उठा कर चौकी तक कैसे ले गयी?
दस्तावेजी सबूत से खुले कई राज
जांच में लोदीपुर पुलिस को इस मामले से जुड़े कई अहम दस्तावेज मिले, जो बिंदु देवी और उनके बेटों की ओर से इशारा कर रहा है. कोर्ट में आशीष कुमार ने अपनी पत्नी और बेटों के खिलाफ दो बार सनहा दर्ज कराया था. इसके अलावा दो बार लोदीपुर थाने में लिख कर जान-माल रक्षा की गुहार लगायी थी. यही नहीं, 26 मार्च को आशीष कुमार ने अपने दोस्त राकेश कुमार सिंह को चिट्ठी लिख कर पत्नी व दोनों बेटों पर आरोप लगाया था. पत्र में आशीष कुमार ने लिखा था कि अगर उनकी मौत होती है तो उसका जिम्मेदार तीनों (पत्नी और दोनों बेटे) होंगे.जांच में पुलिस को वह वसीयत भी हाथ लगी, जिसमें लिखा था कि आशीष की मौत के बाद उसकी सारी संपत्ति पत्नी और बेटी के नाम से होगी.
पुत्र से बरामद हुआ था आशीष का मोबाइल
26 मार्च की लिखी चिठ्ठी में आशीष कुमार ने अपने दोस्त को बताया था कि उसका मोबाइल पत्नी और बेटों ने मिल कर छीन लिया है. पुलिस ने जब दोनों बेटों को गिरफ्तार किया, तो आशीष का मोबाइल उनके पास से मिला था.
संपत्ति के लिए हुई आशीष की हत्या. पुलिस का कहना है कि आशीष के नाम से कई स्थानों पर घर, मकान और जमीन है. आशीष महिला के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे. इस कारण अपने ऊपर हो रहे अत्याचार का कभी खुल कर विरोध नहीं किया. इसका परिजनों ने फायदा उठाया और उनकी हत्या की साजिश रची. पुलिस का दावा है कि इस हत्या में बिंदु देवी शामिल है. जबकि उनके दोनों पुत्रों के खिलाफ साजिश रचने के साक्ष्य मिले हैं. संपत्ति के लिए तीनों से मिल कर आशीष की हत्या कर दी.

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