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नियमित हो क्लास, हो निरीक्षण

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में कभी भी हो जानेवाली तोड़फोड़ की घटना व अशांत हो चुके माहौल से निबटने व स्वच्छ माहौल बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को शहर के प्रबुद्धजनों के साथ कुलपति डॉ एनके वर्मा ने बैठक की. कुलपति कार्यालय में हुई बैठक में मुख्य रूप से सुझाव यह आया कि कॉलेजों में […]

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में कभी भी हो जानेवाली तोड़फोड़ की घटना व अशांत हो चुके माहौल से निबटने व स्वच्छ माहौल बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को शहर के प्रबुद्धजनों के साथ कुलपति डॉ एनके वर्मा ने बैठक की. कुलपति कार्यालय में हुई बैठक में मुख्य रूप से सुझाव यह आया कि कॉलेजों में नियमित रूप से हर दिन सख्ती के साथ क्लास हो. कुलपति स्वयं व उड़नदस्ता द्वारा क्लास का औचक निरीक्षण करें. डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार व कुलानुशासक डॉ राम प्रवेश सिंह का कहना था कि कुछ तथाकथित छात्र नेता निजी स्वार्थ के लिए विश्वविद्यालय में आये दिन माहौल अशांत कर देते हैं. कुलपति डॉ वर्मा ने कहा कि प्रबुद्धजनों के सुझाव पर वे विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक करेंगे और उस पर आगे काम भी करेंगे.

बोले शहर के प्रबुद्धजन
जेएस एजुकेशन के निदेशक राजीव कांत मिश्र ने कहा कि तीन साल पहले सिंडिकेट की बैठक में ऐसी समस्याओं के निवारण के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया था, उसे लागू किये जाएं. उसमें यह भी सुझाव था कि परीक्षा में जो बच्चे टॉप 10 में रहेंगे उनकी कॉपी केंद्रीय पुस्तकालय में रखी जायेगी. छात्रों के अंदर रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर अनिश्चितता की स्थिति दूर हो. हॉस्टल में कई लोग ऐसे रह रहे हैं, जो छात्र नहीं हैं, उनसे छात्रवास को मुक्त कराया जाये. समाजसेवी प्रकाश चंद्र गुप्ता ने कहा कि कक्षाएं समय पर चले, 75 फीसदी उपस्थिति हो, छात्र संघ का चुनाव हो.

छात्रों के आवेदन की प्राप्ति पर निवारण की तिथि भी अंकित हो. उन्होंने जिले से एनसीसी मुख्यालय जगह के अभाव में दूसरे जिले जाने की संभावना जताते हुए उसे अपने क्षेत्र में रख लेने का भी सुझाव दिया. उद्यमी प्रतिनिधि मुकुटधारी अग्रवाल ने कहा कि आंतरिक राजनीति विश्वविद्यालय को लेकर डूब रही है. उन्होंने तत्कालीन कुलपति रामाश्रय यादव के कार्यकाल में सुधरी व्यवस्था पर भी प्रकाश डाला. क्षत्रिय युवा मंच के संयोजक राजीव सिंह ने कहा कि शिक्षक कॉलेज में रहें, न कि विश्वविद्यालय में पड़े रहें.

जो परीक्षा नियंत्रक बनते हैं वे अपने मन से विभाग चलाने लगते हैं. उप महापौर प्रीति शेखर ने कहा कि विवि में ऐसी सेवा चालू हो, जहां परीक्षा विभाग से संबंधी समस्या का निदान हो. इग्‍नू के पूर्व प्रतिकुलपति डॉ जनार्दन झा ने कहा कि विवि में कंप्यूटराइज व्यवस्था विकसित होनी चाहिए. प्रो अजरुन प्रसाद ने कहा कि हम उन विषयों में भी डिग्री बांट रहे, जिनमें शिक्षक नहीं हैं. समाज का दबाव सरकार पर पड़े ताकि शिक्षक की नियुक्ति हो. सैयद शाह हसन मानी ने कहा कि छात्र परेशान होकर विश्वविद्यालय आते हैं. उन्हें बैठा कर प्यार से बात करें. लक्ष्मी नारायण डोकानियां ने कहा कि विवि प्रशासन में बैठे कुछ लोग भी छात्रों में असंतोष फैलाते हैं. तत्कालीन कुलपति रामाश्रय यादव के जाने के बाद पैसे का खेल चलता रहा है. कमल जायसवाल ने कहा कि अराजकता का मूल कारण परीक्षा विभाग है.

जब तक छात्रों से दोहन व शोषण बंद नहीं होगा, तब तक अराजकता कायम रहेगी. विश्वविद्यालय को ‘विषविद्यालय’ न बनने दें. सेवानिवृत्त शिक्षक प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि छात्रों को बिगाड़ने का श्रेय वैसे प्रोफेसर को भी जाता है, जिनकी मंशा कुलपति से पूरी नहीं होती. ऐसे शिक्षक पढ़ानेवाले नहीं होते. गौतम सुमन ने कहा कि सभी कॉलेजों में अभिभावकों के साथ छात्रों की समस्या के निदान के लिए बैठक होनी चाहिए. रंगकर्मी उदय ने कहा कि उन कर्मियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, जिनकी वजह से विवि में काम रुकता है. अशोक जिवराजका ने कहा कि छात्रों की समस्या के निदान के लिए एक काउंटर बने और निदान की तिथि तय हो. बैठक को डॉ सुरेंद्र सिंह, चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव जगदीश चंद्र मिश्र पप्पू, डॉ पवन कुमार, विवि के विकास पदाधिकारी डॉ इकबाल अहमद ने भी संबोधित किया.

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