भागलपुर: सदर अस्पताल के पास फुटपाथ पर केला बेचनेवाले आशीष की रविवार की रात ट्रक से दब कर हुई मौत को लेकर स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने सोमवार को बाजार बंद कराया. इस बंद का आंशिक असर देखने को मिला. यातायात व्यवस्था पर बंद का कोई खास असर नहीं पड़ा. बंद का सबसे अधिक असर महात्मा गांधी रोड की फुटपाथी दुकान, घंटाघर चौक और पटल बाबू रोड स्थित बाजार पर पड़ा. पटल बाबू रोड में दवा व खाने-पीने की दुकानों को छोड़ विभिन्न बैंक क ी शाखाएं सहित सभी दुकानें बंद रही.घंटाघर से कचहरी चौक तक सभी दुकानें बंद रही. यहां पर बंदी का पूर्ण असर दिखा. छिटपुट तोड़-फोड़ की घटना को छोड़ दें तो बंद शांतिपूर्ण रहा. इस बंद से पांच करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ.
बंद समर्थकों ने सुबह साढ़े नौ बजे जुलूस निकाला और विभिन्न चौक -चौराहों पर जाकर दुकानें बंद करायी. दोपहर साढ़े 12 बजे तक मुख्य बाजार की आधी दुकानें बंद रही. इसके बाद धीरे-धीरे बंद दुकानें भी खुलने लगी. व्यवसायियों का कहना था यदि पहले से मालूम रहता कि आज भागलपुर बंद है तो बाजार बंद का असर अधिक दिखता. एहतियात व तोड़-फोड़ के भय से दुकानों को कुछ देर के लिए बंद रखा. कई व्यवसायियों का मानना था कि बाइ पास, ट्रैफिक व्यवस्था, पार्किग सुविधा, जाम से मुक्ति, बार-बार बड़े वाहनों से दब कर लोगों की हो रही मौत पर रोक लगाने के लिए बंद समर्थकों का साथ देना चाहिए. वहीं कुछ व्यवसायियों का कहना था कि बाजार बंद कराने से कुछ नहीं होने वाला है. इससे केवल आमलोगों की परेशानी बढ़ती है.
पांच करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित : चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव जगदीश चंद्र मिश्र पप्पू ने बताया कि अचानक बाजार बंद कराने पर अधिकांश व्यवसायी व ग्राहक इसके लिए तैयार नहीं थे. इस कारण बंद का आंशिक असर रहा. हालांकि इस बंद से पांच करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ. होजियरी संघ के अध्यक्ष रामगोपाल पोद्दार ने बताया कि बाजार में 25 फीसदी दुकानें बंद रही. घंटाघर फुटपाथ दुकानदार संघ के रूपेश चौरसिया ने बताया कि रोजाना इन दुकानों से 15 से 20 लाख का कारोबार होता है. यहां पर बंदी का पूर्ण असर दिखा.