भागलपुर: बिहार पेंशनर समाज के अध्यक्ष डॉ ईश्वर चंद्र कुमार ने कहा कि पेंशनरों की कठिनाइयों व उनकी मांगों को सरकार अनदेखा कर रही है. संगठन के अनुरोध के बावजूद पुरानी मांगों को पूरा नहीं किया जा सका है. अगर सरकार का पेंशनरों के प्रति रवैये में सुधार नहीं हुआ, तो संगठन क्रमिक आंदोलन शुरू […]
भागलपुर: बिहार पेंशनर समाज के अध्यक्ष डॉ ईश्वर चंद्र कुमार ने कहा कि पेंशनरों की कठिनाइयों व उनकी मांगों को सरकार अनदेखा कर रही है. संगठन के अनुरोध के बावजूद पुरानी मांगों को पूरा नहीं किया जा सका है. अगर सरकार का पेंशनरों के प्रति रवैये में सुधार नहीं हुआ, तो संगठन क्रमिक आंदोलन शुरू करेगा.
वे रविवार को टाउन हॉल में बिहार पेंशनर समाज के 34 वें राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से भी नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है, लेकिन बिहार सरकार इस निर्देश का पालन नहीं कर रही है. इसी तरह साधारण बीमारियों की चिकित्सा के लिए न्यायिक सेवा पदाधिकारियों के अनुरूप पेंशन को भी 1500 रुपये प्रति माह भत्ता भी स्वीकृत नहीं किया गया है.
संगठन के महासचिव रविशंकर सिन्हा ने कहा कि छठे वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप निर्गत सरकारी आदेशों की विसंगतियों के निराकरण के लिए राघवन समिति का गठन किया गया था, मगर इस समिति की अनुशंसा लागू नहीं की गयी है. उन्होंने वर्ष 2004 में निर्गत नयी पेंशन प्रणाली को अविलंब समाप्त करने और पुरानी प्रणाली सबके लिए लागू रहने देने की मांग की. उन्होंने कहा कि नयी पेंशन प्रणाली नियमावली 14 का स्पष्ट उल्लंघन है. इस अवसर पर संगठन के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद, सचिव विनय शंकर वर्मा, एसपी वर्मा आदि उपस्थित थे.
बैग को लेकर माथापच्ची करते नजर आये सदस्य
टाउन हॉल के अंदर संगठन की बैठक में शामिल होने वाले सदस्यों को रजिस्ट्रेशन फीस की अदा करने पर पहचान पत्र व साथ में संगठन का बैग दिया जा रहा था. शुरुआत में बड़े आकार का बैग दिया गया, लेकिन बाद में छोटा बैग दिया जाने लगा. जब अलग-अलग साइज के बैग की जानकारी सदस्यों में हुई तो छोटे साइज के बैग को लेकर काउंटर पर सदस्य आ गये. वे काउंटर पर मौजूद लोगों से माथापच्ची करने लगे. कई लोग वैसे ही बैग लेने की बात करने लगे तो उन्हें कहा गया कि बैग पाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. बाद में संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बैग को लेकर माथा पच्ची कर रहे सदस्यों को समझा कर मामला शांत किया.