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गंगा उफान पर, दहशत में लोग

भागलपुर: 25 जुलाई को गंडक से तीन लाख 53 हजार 63 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण भागलपुर की गंगा का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ने लगा है. 30 जुलाई तक इसके जलस्तर में डेढ़ से दो फीट तक वृद्धि की संभावना है. ऐसे में अगर समय रहते गंगा किनारे बसे लोग सुरक्षित स्थान पर […]

भागलपुर: 25 जुलाई को गंडक से तीन लाख 53 हजार 63 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण भागलपुर की गंगा का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ने लगा है. 30 जुलाई तक इसके जलस्तर में डेढ़ से दो फीट तक वृद्धि की संभावना है. ऐसे में अगर समय रहते गंगा किनारे बसे लोग सुरक्षित स्थान पर नहीं पहुंचे, तो उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक रविवार सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर 33.09 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से मात्र 0.59 मीटर नीचे है. जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि खतरे का निशान 33.68 मीटर पर निर्धारित है. विभाग को एक सेंटीमीटर नीचे के जलस्तर (32.68 मीटर) को चेतावनी के रूप में लेने को कहा गया है. जलस्तर में काफी तेजी से वृद्धि होने के पुर्वानुमान के कारण विभाग चौबीसों घंटे अलर्ट पर है.

इंजीनियरों की छुट्टियां रद
सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट मिलते ही जल संसाधन विभाग ने इंजीनियरों की छुट्टी रद कर दी गयी है. साथ ही उन्हें राउंड ओ क्लॉक (24 घंटे) गंगा किनारे मुस्तैद रहने को कहा गया है.

12 करोड़ का कटाव निरोधी कार्य
लगभग 12 करोड़ रुपये से कराया गया कटाव निरोधी कार्य गंगा में डूब गया है. कटाव निरोधी कार्य के तहत जल संसाधन विभाग ने इंजीनियरिंग कॉलेज (कटाव स्थल ) के पीछे 930 मीटर में एजेंसी के माध्यम से जीओ बैग डलवाया था. विभाग के अधिकारी ने बताया कि 930 मीटर में कार्य पूर्ण है, विभाग मेंटेन के तहत फल्ड फाइटिंग का काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि जिस एजेंसी से कटाव निरोधी कार्य कराया गया है, उसे अब तक केवल दो करोड़ रुपये ही भुगतान किया गया है. इधर पानी के करंट से कटाव जारी है. गंगा का पानी इंजीनियरिंग कॉलेज के चाहरदीवारी को छू रहा है.

150 मीटर में नहीं हो सका कटाव निरोधी कार्य
रविवार अपराह्न् तीन बजे डीपीएस स्कूल के पीछे वर्षो से खड़ा विशाल वट वृक्ष कटाव की भेंट चढ़ गया. इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे 930 मीटर को छोड़ आगे (डीपीएस) के पीछे 150 मीटर में कटाव निरोधी कार्य नहीं हो सका. कटाव निरोधी कार्य के तहत बंबू रोल, हाथी पांव व परक्यूपाइन का काम होना था. किसानों की उपजाऊ भूमि गंगा में विलीन हो रही है. अबतक में करीब 400 मीटर लंबी व डेढ़ मीटर चौड़ी भूमि गंगा में समा चुकी है.

फल्ड फाइटिंग टीम ने किया निरीक्षण
फल्ड फाइटिंग टीम ने रविवार को इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे कटाव स्थल का जायजा लिया. इंजीनियरों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये. उन्होंने सहायक अभियंता को मनाही के बाद भी परक्यूपाइन का काम कराये जाने पर डांट पिलायी. और कार्रवाई करने की चेतावनी दी. उन्होंने केवल बंबु रोल व हाथी पांव का काम करने का निर्देश दिया. इससे पहले वे नाव से इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे कटाव स्थल का मुआयना करने निकले, लेकिन पानी की तेज धार के कारण नाव आगे नहीं बढ़ सकी.

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