उन्होंने बताया कि बिल की गड़बड़ी पिछले साल अप्रैल से हुई है. उन्होंने बताया कि मार्च में 595.57 रुपये का बिल आया. इसमें 200 रुपये का भुगतान किया. इसके बाद अप्रैल में दो लाख चार हजार 390 रुपये का बिल भेजा गया. बिल सुधार के आश्वासन पर 400 रुपये का भुगतान किया गया.
इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ, बल्कि 3.71 लाख से भी अधिक का बिल आ गया. फिर शिकायत दर्ज करायी गयी, तो आश्वासन पर 391 रुपये का भुगतान किया है. इसके बाद आज तक बिल में सुधार नहीं हो सका है. सुधार करने के बजाय फ्रेंचाइजी कंपनी ने जुलाई में 4.98 लाख का बिल भेजने का काम किया. नवंबर का बिल 2.33 लाख का है.