31.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एडीएम पर हो सकता है एफआइआर

भागलपुर: एडीएम जयश्री ठाकुर पर चल रही विभागीय जांच के बाद आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है. भूमि अधिग्रहण के दौरान बरती गयी अनियमितता के बाद प्रमंडलीय आयुक्त की ओर करायी जा रही जांच में काफी अनियमितता और नियमों की अनदेखी की बात सामने आ रही है. जानकार बताते हैं कि इस तरह की […]

भागलपुर: एडीएम जयश्री ठाकुर पर चल रही विभागीय जांच के बाद आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है. भूमि अधिग्रहण के दौरान बरती गयी अनियमितता के बाद प्रमंडलीय आयुक्त की ओर करायी जा रही जांच में काफी अनियमितता और नियमों की अनदेखी की बात सामने आ रही है. जानकार बताते हैं कि इस तरह की गड़बड़ी पर तत्काल एफआइआर कराया जा सकता है. यही नहीं वित्त विभाग के निर्देशों की अवहेलना गंभीर अनियमितता है और इस पर डीएम सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं.

विदित हो कि 12 जुलाई को आर्थिक अपराध इकाई ने आय से अधिक संपत्ति मामले में एडीएम श्रीमती ठाकुर के आवास सहित विभिन्न ठिकानों पर दबिश दी थी. इस दौरान टीम ने एडीएम के पास 50 से अधिक बैंक अकाउंट व लॉकर होने का भंडाफोड़ करते हुए करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का खुलासा किया था. सूत्र बताते हैं कि यह संपत्ति उन्होंने बांका में बतौर जिला भू-अजर्न पदाधिकारी रहने के दौरान ही अजिर्त की थी. इसको लेकर प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम ने बांका डीएम को उनके कार्यकाल के दौरान हुई भू-अजर्न की जांच कराने का निर्देश दिया था.

फिलहाल जांच रिपोर्ट नहीं आयी है, लेकिन बताया जा रहा है कि जांच में कई तरह की अनियमितता सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि भू-अजर्न के बदले दिये जाने वाले मुआवजे में वित्त एवं राजस्व विभाग के निर्देशों का खुले तौर पर उल्लंघन किया गया है और मनमाने ढंग से मुआवजा की राशि चेक द्वारा वितरित की गयी है, जबकि विभाग का निर्देश मुआवजा का भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से करने का था. इसके अलावा भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होने या प्रस्ताव विभाग को भेजने के बाद श्रीमती ठाकुर ने स्वयं या अपने रिश्तेदारों के नाम वहां की जमीन खरीद की. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार इस तरह की कारगुजारी पर भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं (409, 120बी आदि) के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज हो सकता है और इसमें उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. यही नहीं वित्त व राजस्व विभाग द्वारा जारी नियमों की अनदेखी पर जिला पदाधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है. आखिर एक वर्ष से अधिक समय से नियमों को ताक पर रख कर भू-अजर्न का पैसा विभिन्न बैंकों में कैसे जमा था, जबकि स्पष्ट तौर पर इसे कोषागार में जमा करने का निर्देश था. प्रमंडलीय आयुक्त फिलहाल जांच टीम द्वारा रिपोर्ट सौंपने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बांका के डीएम की ओर से आनेवाली रिपोर्ट के आधार पर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें