फोटो-विद्यासागर-जैन मंदिर में सिद्धचक्र विश्व कल्याण विधान में जुटे श्रद्धालुसंवाददाताभागलपुर : विश्व हिंसा व आतंक के दौर से गुजर रहा है. हर जगह भय व असुरक्षा का वातावरण है. ऐसे में मानवीय मूल्यों को समझते हुए भगवान वासुपूज्य द्वारा बताये गये अहिंसा के सिद्धांत पर चलने की आवश्यकता है. उक्त बातें नाथनगर स्थित दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र मंदिर में बुधवार को मुनिराज पुण्यसागर जी महाराज ने सिद्धचक्र विश्व कल्याण विधान के अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि ज्ञानी जनों का मिलन दुर्लभ है. अहिंसा के तत्व को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है. शांति व सौहार्द के लिए उन्होंने जियो और जीने दो के साथ सह-अस्तित्व की भावना को जरूरी बताया. इससे पूर्व समारोह का आरंभ भगवान वासुपूज्य की विशाल खड़गासन प्रतिमा का 108 कलशों से मस्तकाभिषेक से किया गया. शांतिधारा विधान आयोजक नरेंद्र संध्या रारा ने किया. जयघोष से गुंजायमान वातावरण में श्रद्धालु सस्वर पूजन पाठ कर रहे थे.सिद्धक्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने आगत श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए नववर्ष की बधाई दी. सुधीर एंड पार्टी ने भजन प्रस्तुत किया. मौके पर शांति गंगवाल, राकेश सेठी, संगीत दुर्ग, विनय गंगवाल, विजय रारा, श्रीचंद पाटनी, जय कुमार काला, अशोक पाटनी, अजीत कुरमावाला, कैलाश गंगवाल, संजय विनायका आदि मौजूद थे.
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हिंसा के दौर में मानव मूल्यों को समझना जरूरी : पुण्यसागर
फोटो-विद्यासागर-जैन मंदिर में सिद्धचक्र विश्व कल्याण विधान में जुटे श्रद्धालुसंवाददाताभागलपुर : विश्व हिंसा व आतंक के दौर से गुजर रहा है. हर जगह भय व असुरक्षा का वातावरण है. ऐसे में मानवीय मूल्यों को समझते हुए भगवान वासुपूज्य द्वारा बताये गये अहिंसा के सिद्धांत पर चलने की आवश्यकता है. उक्त बातें नाथनगर स्थित दिगंबर जैन […]
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