भागलपुर: कहलगांव के कई सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में मध्याह्न् भोजन की शिकायत मंगलवार को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा के पास पहुंची. भागलपुर के डीइओ सूर्यदेव कुमार पासवान व माध्यमिक शिक्षा के डीपीओ देवेंद्र कुमार झा को प्रधान सचिव ने बैठक में बुलाया था. विभिन्न मसलों पर हुई बातचीत में श्री सिन्हा ने मध्याह्न् भोजन की स्थिति की जानकारी मांगी. इसमें दो व तीन जुलाई को किये गये कहलगांव अनुमंडल के स्कूलों के निरीक्षण में मध्याह्न् भोजन की मिली स्थिति से अवगत कराया गया. निरीक्षण में यह पाया गया था कि अधिकतर स्कूलों में चावल के अभाव में मध्याह्न् भोजन बंद था. जहां यह योजना चल रही थी, वहां गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं बना था.
डीपीओ श्री झा ने बताया कि दो व तीन जुलाई को उन्होंने कहलगांव अनुमंडल के 35 स्कूलों का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान अधिकतर स्कूलों में चावल के अभाव में मध्याह्न् भोजन बंद पाया गया था. जिन स्कूलों में मध्याह्न् भोजन संचालित था वहां मेन्यू का अनुपालन नहीं किया गया था. दूसरी ओर मध्याह्न् भोजन प्रभारी इष्टदेव महादेव ने बताया कि कहलगांव अनुमंडल के उन स्कूलों को चावल उपलब्ध करा दिया गया है, जहां नहीं था. उन्होंने बताया कि सभी स्कूलों को पूर्व से ही निर्देशित किया गया है कि गुणवत्तापूर्ण व पौष्टिक भोजन बच्चों को उपलब्ध कराना अनिवार्य है. दो व तीन जुलाई को निरीक्षण के दौरान सबौर के उर्दू मध्य विद्यालय बंशीटीकर में मेन्यू के अनुरूप मध्याह्न् भोजन न देकर बच्चों को केवल सोयाबीन व चावल परोसा गया था.
गोराडीह के मध्य विद्यालय अगरपुर में मध्याह्न् भोजन बंद पड़ा था. गोराडीह के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बिशनपुर जिछो में मध्याह्न् भोजन बंद था. मध्य विद्यालय गरहोतिया में चावल के अभाव में मध्याह्न् भोजन बंद था. मध्य विद्यालय रामचंद्रपुर में मध्याह्न् भोजन बंद था. सन्हौला के प्राथमिक विद्यालय फाजिलपुर में मध्याह्न् भोजन योजना संचालित मिला, लेकिन इसकी स्टॉक पंजी नहीं थी.