भागलपुर : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में यूरिया की कालाबाजारी हो रही है. पीरपैंती-बाराहाट के रास्ते झारखंड यूरिया जा रहा है. यूरिया की कालाबाजारी के कारण किसानों को यूरिया सरकारी दामों में नहीं मिल रहा है.यूरिया की कालाबाजारी करने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में 306 के बदले चार से लेकर 450 रुपया में यूरिया मिल रहा है. अधिक दामों में यूरिया बेचने को रोकने को लेकर प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को निगरानी करनी है,लेकिन अधिकारी अधिक दामों में यूरिया बेचने वाले पर नकेल कसने में पूरी तरह असफल रहे. जिले के सबौर, सुल्तानगंज, सन्हौला, नवगछिया और पीरपैंती के भगैया, बाबूपुर, गोविंदपुर, इटहरी इलाके में चोरी छिपे यूरिया अधिक दामों में बेचा जा रहा है. जिले में लगभग सवा सौ खाद की दुकान हैं.
सबौर और सुल्तानगंज इलाके में यूरिया की कालाबाजारी हो रही है. अभी जिले में रबी की फसल लगी हुई है और किसानों को अभी यूरिया की आवश्यकता अधिक होती है.1,45,667 हेक्टेयर में रबी की फसल लगी हुई है. इस रबी की फसल के लिए सरकार ने जिले के लिए 18 हजार, 570 मैट्रिक टन यूरिया का आवंटन किया है. कई बार यूरिया की कालाबाजारी को लेकर किसानों ने हंगामा भी किया. कृषि अधिकारियों की माने तो जैविक खाद के उपयोग से यूरिया की खपत कम हुई है. जैविक खाद के किसानों द्वारा उपयोग के बाद भी यूरिया की कालाबाजारी हो रही है.कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कालाबाजारी की बात अफवाह है, जिले में कहीं भी यूरिया की कालाबाजारी नहीं हो रही है. कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं.