भागलपुर: श्रावणी मेला में अभी 15 दिन बाकी है. पर बाजार में इसकी तैयारी शुरू हो गयी है.श्रावणीमेला से संबंधित सामान का व्यवसायी आर्डर दे रहे हैं. इसका पर्याप्त स्टॉक भी किया जा रहा है. दरजी कांवरिया पोशाक तैयार करने में जुट गये हैं.
करोड़ों की बिकेगी अगरबत्ती
अगरबत्ती के थोक व्यवसायी मनमोहन जोशी ने बताया कि बेंगलुरु से अलग-अलग सुगंधित अगरबत्ती के लिए एडवांस आर्डर दे चुके हैं. पिछली बार श्रवणी मेला में 30 लाख रुपये से अधिक कारोबार हुआ था. इस बार 35 लाख से अधिक का कारोबार होने की संभावना है. इसलिए कि बासुकीनाथ में जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है. शहर में 25 से अधिक थोक अगरबत्ती व्यवसायी हैं. इनकी बिक्री भी सामान्य रूप से यही होती है. इस बार अगरबत्ती के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई है. इस प्रकार छह करोड़ रुपये से अधिक कारोबार की संभावना है. इसके अलावा अगरबत्ती का निर्माण शहर में भी किया जाता है.
रेडिमेड कपड़ा का व्यवसाय
रेडिमेड कपड़ा के थोक व्यवसायी बताते हैं कि श्रवणी मेला के दौरान एक बड़े रेडिमेड व्यवसायी का तीन लाख रुपये से अधिक का कारोबार हो जाता है. कांवरिया पोशाक सुल्तानगंज, मुंगेर एवं भागलपुर में ही अधिकतर तैयार होता है. इसके अलावा कोलकाता से भी कांवरिया का रेडिमेड पोशाक मंगाया जाता है. इसके लिए एडवांस में आर्डर दिया जा चुका है. इस बार भी पिछले जैसा ही कारोबार होने की संभावना है. खुदरा व्यवसायी अभिषेक जोशी ने बताया कि पिछली बार 50 हजार रुपये से अधिक का कारोबार हुआ था. कांवरिया कपड़ा कोलकाता के मोतियाब्रिज और बड़ा बाजार में आर्डर दिया जा चुका है.
कांवरिया प्राय: अपने कपड़े में हाफ पेंट, गंजी, टीशर्ट, गमछी, साड़ी व सलवार सूट की खरीदारी करते हैं. इसलिए इन कपड़ों की बिक्री अन्य दिनों से 10 गुनी बढ़ जाती है. वहीं लेडिज वस्त्र के व्यवसायी अरुण चोखानी ने बताया कि श्रवणी मेला में 30 फीसदी बिक्री बढ़ जाती है. इसमें अधिकांश महिलाएं 500 रुपये से कम दाम की सूती की साड़ियां पसंद करती हैं. ओरेंज व केसरिया कलर की साड़ियों के लिए कोलकाता आर्डर भेजा जा चुका है. साथ ही सूती साड़ियों का स्टॉक भी किया गया है. कपड़ा व्यवसायियों का मानना है कि कपड़े में दो करोड़ से अधिक की कमाई की संभावना है. टेलर मास्टर मो अबुलेस ने बताया कि श्रवणी मेला के दौरान 20 हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई हो जाती है. इस बार भी यही संभावना है. सलवार-सूट व हाफ पेंट बनाने के लिए 10 कपड़ा व्यवसायियों से आर्डर मिले हैं.
डेयरी की तैयारी रविवार तक
विक्रमशिला को-ऑपरेटिव दुग्ध उत्पादक केंद्र के एमडी पीके वर्मा ने बताया कि श्रवणी मेला के लिए अभी कोई योजना नहीं बनायी गयी है. रविवार तक श्रवणी मेला के लिए तैयारी पूरी कर ली जायेगी.