भागलपुर: वर्तमान खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन वह महत्वाकांक्षी हो गये हैं. पहले की अपेक्षा आज सुविधाएं बढ़ी है, अवसर बढ़े हैं, लेकिन खिलाड़ियों ने मेहनत करना कम कर दिया है. उक्त बातें 2006 एशियाड में गोल्ड मेडलिस्ट भारतीय टीम के सदस्य रहे राजीव सिंह ने प्रभात खबर से बातचीत में कही.
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टीम के लिए ईरान व पाकिस्तान को खतरा बताया और खिलाड़ियों को और कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता बतायी. राजीव सिंह ने कहा कि स्कूली स्तर से ही खिलाड़ियों को कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है. अपने प्रदर्शन के दम पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अवसर मिलेगा. खेल को लेकर बिहार सरकार विभिन्न स्तर पर मौका दे रही है. खेल को करियर बनाने के इच्छुक खिलाड़ियों को अलग से कुछ सोचने की आवश्यकता नहीं रह गयी है. पहले मेहनत ज्यादा करनी पड़ती थी, अवसर कम थे. आज अवसर ज्यादा हैं, तो खिलाड़ियों को मेहनत से कतराना नहीं चाहिए.
राजीव 2001 में एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडलिस्ट विनर टीम में भी खेल चुके हैं. 2007 से वह कोचिंग के क्षेत्र में आ गये और वर्तमान में बिहार टीम के साथ पूर्व मध्य रेल कबड्डी टीम को भी कोचिंग देते हैं.
इस आयोजन में उनके गृह जिले कटिहार की भागीदारी नहीं होने पर उन्होंने अफसोस जाहिर किया. उन्होंने बताया कि अधिकारी के शहर से बाहर होने के कारण टीम भाग नहीं ले पायी. डीएम डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव ने मंच पर राजीव सिंह का अंग वस्त्र से सम्मान किया.राजीव ने बताया कि वह एनआइएस, बेंगलुरु से एक वर्षीय डिप्लोमा कर चुके हैं. स्कूली दिनों में कटिहार की ओर से खेलने के बाद राजीव को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया(साइ) में प्रवेश मिला और प्रदर्शन के जरिये ही उन्होंने राष्ट्रीय टीम में जगह बनायी थी.