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मैट्रिक परीक्षा. बिहार बोर्ड के स्टूडेंट भी लेंगे सीबीएसइ से टक्कर

हर साल फेल होने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या से चिंतित बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. बोर्ड 2015 सत्र की मैट्रिक की परीक्षा में स्टेप वाइज मार्किग को पूरी तरह से लागू करने जा रहा है. इसका फायदा यह होगा कि छात्र किसी भी प्रश्न का जितना उत्तर […]

हर साल फेल होने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या से चिंतित बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. बोर्ड 2015 सत्र की मैट्रिक की परीक्षा में स्टेप वाइज मार्किग को पूरी तरह से लागू करने जा रहा है. इसका फायदा यह होगा कि छात्र किसी भी प्रश्न का जितना उत्तर लिखेंगे उन्हें उसके अंक उतने मिल जायेंगे. इसके लिए शिक्षकों को पहले ही गाइडलाइन जारी की जीयेगी जिसमें शिक्षकों को मार्किग स्कीम की पूरी जानकारी दी जायेगी.

बिहार बोर्ड में कई सालों से सीबीएसइ पैटर्न पर मार्किग पैटर्न लागू करने की बात चल रही है. इसके लिए हर साल टीचर्स को बताया भी जाता है. लेकिन अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है. शिक्षकों को पता तो होता है, लेकिन उत्तर पुस्तिका की जांच के समय शिक्षक पुरानी पद्धति पर ही मूल्यांकन करते हैं. अब इसमें बोर्ड बदलाव करने जा

मैट्रिक परीक्षा के पहले एक्सपर्ट की एक टीम बनायी जायेगी. यह टीम सीबीएसइ पैटर्न के अनुसार मार्किग स्कीम को स्टेप वाइज तैयार करेगी. अगर कोई प्रश्न पांच अंक का है और इसका उत्तर छात्र ने आधा -अधूरा लिखा है तो इसके लिए मार्किग कैसे हो कि छात्र को अंक मिल जायें. पांच अंक को डिवाइड करके शिक्षकों को दिया जायेगा. जिससे शिक्षक उत्तर पर सही मार्किग कर सकें.
आइआइटीयंस तैयार करते है सीबीएसइ की मार्किग पैटर्नसीबीएसइ की 10वी बोर्ड परीक्षा का मार्किग पैटर्न हर साल बदल जाता है. देश भर के आइआइटीयंस द्वारा 10वीं बोर्ड के मार्किग पैटर्न को तैयार किया जाता है. इसी मार्किग स्कीम पर उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन हर साल किया जाता है. सीबीएसइ के अनुसार बोर्ड परीक्षा होने के बाद प्रश्नों की सूची आइआइटी के एक्सपर्ट के पास भेजी जाती है. प्रश्नों को देख कर एक्सपर्ट मार्किग स्कीम तैयार करते हैं और उसी मार्किग स्कीम को मूूल्यांकन के लिए परीक्षा सेंटर पर भेजा जाता है. हर प्रश्न के लिए स्टेप वाइज मार्किग अलग से होती है. इसमें कठिन और आसान प्रश्नों को भी ख्याल रखा जाता है.
क्या है स्टेपवाइज मार्किग
किसी भी प्रश्न को अगर छात्र टच करते हैं या किसी भी प्रश्न के उत्तर में अगर शिक्षक को लगे कि छात्र को उत्तर के विषय में थोड़ी भी जानकारी है तो वो अंक दे सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई प्रश्न न्यूटन के किसी सिद्धांत को लेकर पूछा गया है. ऐसे में छात्र ने उसका उत्तर नहीं लिखा, लेकिन अगर छात्र ने न्यूटन के सिद्धांत को भी लिख दिया तो उसे अंक मिलेंगे. उसी तरह से मैथ में हाइट एंड डिस्टेंस से कोई प्रश्न दिया गया है. अगर छात्र ने हाइट एंड डिस्टेंस के फॉमरूले का एक भी स्टेप लिख देता है तो उसे अंक दिये जायेंगे.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव श्रीनिवास चंद तिवारी ने बताया कि : इस बार उत्तर पुस्तिका के स्क्रूटनी में देखा गया कि मार्किग स्कीम पुराने तरीके से दिये जा रहे है. अगर किसी छात्र ने किसी प्रश्न का आधा उत्तर दिया है तो उसके अंक काट लिये गये. ऐसे में इस बार स्टेप वाइज मार्किग पर पूरा फोकस रहेगा. सीबीएसइ की तरह बिहार बोर्ड में भी हर प्रश्न के थोड़ा उत्तर देने पर भी छात्रों को अंक दिये जायेंगे. आब्जेक्टिव प्रश्नों में तो यह दिक्कतें हैं नहीं. बस शॉर्ट और लॉग क्वेशचन के लिए स्टेप वाइज मार्किग पर ध्यान देना होगा.
सीबीएसइ 10वीं की स्टेप वाइज मार्किग स्कीम
– हर प्रश्न के लिए अलग-अलग मार्किग स्कीम तैयार किया जाता है
– मैथ में किस टॉपिक से प्रश्न आयेंगे और किस टॉपिक से कितने अंक के प्रश्न रहेंगे, उसकी जानकारी छात्रों को पहले ही दे दी जाती है.
– हर प्रश्न के उत्तर देने के लिए वर्ड निर्धारित होते है. इसके अनुसार भी अंक दिये जाते हैं
– मैथ में अगर फॉमरूला, शब्द, नंबर सिस्टम आदि के लिए अलग से स्टेप वाइज मार्किग दी जाती है
– साइंस में सिद्धांत, न्यूटन के नियम आदि पर स्टेप वाइज मार्किग होती है.
2010 से 2014 में हर साल लाखों की संख्या में छात्र हो गये फेल
साल – मैट्रिक में सम्मिलित छात्रों की संख्या – फेल होने वाले छात्र
2010 – 9,74,30 – 2,88,231
2011 – 9,24,187 – 3,01,273
2012 – 12,52,069 – 3,62,711
2013 – 13,63,994 – 3,72,819
2014 – 13,38,254 – 3,32,232
बिहार बोर्ड में हर साल तीन लाख से अधिक छात्र हो जाते हैं फेल
हर साल फेल होने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या से चिंतित बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. बोर्ड 2015 सत्र की मैट्रिक की परीक्षा में स्टेप वाइज मार्किग को पूरी तरह से लागू करने जा रहा है. इसका फायदा यह होगा कि छात्र किसी भी प्रश्न का जितना उत्तर लिखेंगे उन्हें उसके अंक उतने मिल जायेंगे. इसके लिए शिक्षकों को पहले ही गाइडलाइन जारी की जीयेगी जिसमें शिक्षकों को मार्किग स्कीम की पूरी जानकारी दी जायेगी. बिहार बोर्ड में कई सालों से सीबीएसइ पैटर्न पर मार्किग पैटर्न लागू करने की बात चल रही है. इसके लिए हर साल टीचर्स को बताया भी जाता है. लेकिन अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है. शिक्षकों को पता तो होता है, लेकिन उत्तर पुस्तिका की जांच के समय शिक्षक पुरानी पद्धति पर ही मूल्यांकन करते हैं. अब इसमें बोर्ड बदलाव करने जा
रहा है. मैट्रिक परीक्षा के पहले एक्सपर्ट की एक टीम बनायी जायेगी. यह टीम सीबीएसइ पैटर्न के अनुसार मार्किग स्कीम को स्टेप वाइज तैयार करेगी. अगर कोई प्रश्न पांच अंक का है और इसका उत्तर छात्र ने आधा -अधूरा लिखा है तो इसके लिए मार्किग कैसे हो कि छात्र को अंक मिल जायें. पांच अंक को डिवाइड करके शिक्षकों को दिया जायेगा. जिससे शिक्षक उत्तर पर सही मार्किग कर सकें.
आइआइटीयंस तैयार करते है सीबीएसइ की मार्किग पैटर्न
सीबीएसइ की 10वी बोर्ड परीक्षा का मार्किग पैटर्न हर साल बदल जाता है. देश भर के आइआइटीयंस द्वारा 10वीं बोर्ड के मार्किग पैटर्न को तैयार किया जाता है. इसी मार्किग स्कीम पर उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन हर साल किया जाता है. सीबीएसइ के अनुसार बोर्ड परीक्षा होने के बाद प्रश्नों की सूची आइआइटी के एक्सपर्ट के पास भेजी जाती है. प्रश्नों को देख कर एक्सपर्ट मार्किग स्कीम तैयार करते हैं और उसी मार्किग स्कीम को मूूल्यांकन के लिए परीक्षा सेंटर पर भेजा जाता है. हर प्रश्न के लिए स्टेप वाइज मार्किग अलग से होती है. इसमें कठिन और आसान प्रश्नों को भी ख्याल रखा जाता है.
क्या है स्टेपवाइज मार्किग
किसी भी प्रश्न को अगर छात्र टच करते हैं या किसी भी प्रश्न के उत्तर में अगर शिक्षक को लगे कि छात्र को उत्तर के विषय में थोड़ी भी जानकारी है तो वो अंक दे सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई प्रश्न न्यूटन के किसी सिद्धांत को लेकर पूछा गया है. ऐसे में छात्र ने उसका उत्तर नहीं लिखा, लेकिन अगर छात्र ने न्यूटन के सिद्धांत को भी लिख दिया तो उसे अंक मिलेंगे. उसी तरह से मैथ में हाइट एंड डिस्टेंस से कोई प्रश्न दिया गया है. अगर छात्र ने हाइट एंड डिस्टेंस के फॉमरूले का एक भी स्टेप लिख देता है तो उसे अंक दिये जायेंगे.
ऐसा होगा मार्किग का पैटर्न
*हर प्रश्न के लिए अलग से तैयार की जायेगी मार्किग स्कीम
* फॉमूला पर मिलेगा पूरा अंक
* साफ और क्रमांक के अनुसार लिखने पर मिलेंगे अंक
*जीरो अंक किसी भी प्रश्न के उत्तर पर नहीं दिया जायेगा
* वस्तुनिष्ठ प्रश्न को छोड़ कर हर प्रश्न पर अंक निर्धारित होंगे
*पांच अंक के प्रश्नों के लिए एक दो, तीन, चार और पांच अंक को डिवाइड किया जायेगा
*सोशल साइंस में इतिहास विषय में अगर छात्र ने घटना के साल की जानकारी दी तो उसे उसके लिए अंक मिलेंगे
फायदा
घटेंगे फेल होने वाले छात्र
बिहार बोर्ड ने यह पहल बैक लॉग में बढ़ रहे छात्रों को लेकर किया है. हर साल बिहार बोर्ड के मैट्रिक में तीन लाख के लगभग छात्र फेल हो जाते हैं. अगर कंपार्टमेंटल परीक्षा में रिजल्ट सही नहीं हुआ तो उन्हें अगले साल फिर मैट्रिक की परीक्षा में बैठना पड़ता है. ऐसे में बोर्ड की लिस्ट में लाखों की संख्या में पिछले साल के छात्र जुड़ते जाते है. इसमें परीक्षा फार्म भराने से लेकर एडमिट कार्ड तक की तैयारी बोर्ड को अलग से करनी पड़ती है. सही मार्किग होने से फेल होने वाल छात्रों की संख्या कम होगी.
मैट्रिक परीक्षा 16 या 17 मार्च से
मैट्रिक परीक्षा 16 या 17 मार्च से शुरू हो सकती है. एक-दो दिनों में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इस पर फैसला ले लेगी. कई साल से मैट्रिक परीक्षा मार्च के प्रथम सप्ताह में शुरू होती रही है. 15 मार्च को बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा होने के कारण मैट्रिक परीक्षा की तिथि बढ़ायी गयी है. बोर्ड सचिव श्रीनिवासचंद्र तिवारी ने बताया कि बीपीएससी का परीक्षा केंद्र स्कूलों में भी दिया जाता है.इस कारण हमें मैट्रिक की तिथि बढ़ानी पड़ रही है. इस बार मैट्रिक परीक्षा में करीब 14 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे.
शिक्षक नियुक्ति के लिए 22 से लिये जायेंगे आवेदन
सूबे के प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 22 दिसंबर से आवेदन लिये जायेंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग ने संशोधित शिडय़ूल जारी कर दिया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरबी चौधरी हाइ व प्लस टू स्कूलों के लिए शिडय़ूल जारी किया. इससे पहले 16 दिसंबर से आवेदन लिये जाने थे, लेकिन सभी जिलों में नये डीइओ-डीपीओ के आने की वजह से छह दिन के लिए इसे बढ़ाया गया है.
आवेदन 22 दिसंबर से 21 जनवरी तक लिये जायेंगे. प्रारंभिक स्कूलों के लिए पहले की तरह ही 25 से 27 मार्च तक नियुक्ति पत्र बंटेगा, जबकि हाइ व प्लस टू स्कूलों के लिए मेधा सूची में आने वाले अभ्यर्थियों को 23-24 मार्च को नियोजन पत्र दिया जायेगा. नियोजन प्रक्रिया में कुल 1.17 लाख शिक्षकों की नियुक्ति होनी है और 31 मार्च से पहले प्रक्रिया पूरी कर ली जानी है. प्रारंभिक स्कूलों में 75 हजार, हाइ स्कूलों में 5,934 और प्लस टू स्कूलों में 36,480 पदों पर नियुक्ति होगी. शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में टीइटी व एसटीइटी पास अभ्यर्थी आवेदन पत्र, अंक पत्र, अन्य सर्टिफिकेट की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी संबंधित नियोजन इकाई के सदस्य सचिव को निबंधित डाक, स्पीड पोस्ट या हाथों हाथ निर्धारित तारीख तक दे सकेंगे.
हाइ व प्लस टू के लिए 23-24 मार्च और प्रारंभिक के लिए 25-27 मार्च तक बंटेगा नियोजन पत्र
प्रारंभिक में 75 हजार, हाइ में 5,934 और प्लस टू स्कूलों में 36,480 पदों पर होगी नियुक्ति

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