संवाददाता, भागलपुरपूर्व बिहार के नौ जिले से लापता हुए 428 बच्चे-किशोर मामले में 383 मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. 45 मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं किया. सर्वाधिक लापता के मामले भागलपुर, बांका, बेगूसराय और खगडि़या में रिपोर्ट हुए हैं. कहा जाता है कि इन इलाकों से ह्यूमन ट्रैफिकिंग हो रही है. बरामदगी की सूचना नहीं देते परिजन : लापता मामले में सबसे बड़ी परेशानी परिजनों को होती है. बड़ी बात यह है कि अगर कोई लापता मिल जाता है तो उसके मिलने की सूचना पुलिस को नहीं दी जाती है. जितनी फुर्ती परिजन रिपोर्ट दर्ज कराने में दिखाते हैं, उतनी फुर्ती बरामदगी के बाद नहीं दिखाते हैं. इस कारण पुलिस के पास बरामदगी की संपूर्ण सूचना नहीं रहती है. —————–कब कितने लापता हुए और कितने में एफआइआर हुआजिला2013एफआइआर2014एफआइआरभागलपुर 65651717बांका51290900नवगछिया16160100मुंगेर30271103जमुई23230909लखीसराय28281212शेखपुरा08060000खगडि़या29293434बेगूसराय37374848——————————————कुल287260141123
428 लापता मामले में 383 में एफआइआर
संवाददाता, भागलपुरपूर्व बिहार के नौ जिले से लापता हुए 428 बच्चे-किशोर मामले में 383 मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. 45 मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं किया. सर्वाधिक लापता के मामले भागलपुर, बांका, बेगूसराय और खगडि़या में रिपोर्ट हुए हैं. कहा जाता है कि इन इलाकों से ह्यूमन ट्रैफिकिंग हो रही है. […]
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