भागलपुर: भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच आज के दौर में अपनों के लिए समय निकालना मुश्किल होता जा रहा है. किसी विशेष से कुछ खास बात करने के लिए लोग फुरसत के पल तलाशते रहते हैं.
कोई अपना होता है, जिनका आभारी हम जीवन भर होते हैं, बावजूद इन सबके मन के भाव अभिव्यक्त नहीं कर पाते. देखा जाये तो साल के 365 दिन में मम्मी, पापा, भाई-बहन, शिक्षक, दोस्त हर किसी के लिए एक विशेष दिन होता है. जैसे मदर्स डे, फादर्स डे, फ्रेंडशिप डे, शिक्षक दिवस आदि. इन्हीं विशेष दिवसों में से एक है-थैंक यू डे यानी कि धन्यवाद दिवस.
जिस तरह प्रभात खबर के लिए आप सभी प्रिय हैं और आपके साथ व प्यार के लिए हम आपका धन्यवाद भी करते हैं, उसी तरह शहर के युवाओं ने भी अपने जीवन में खास अहमियत रखनेवाले लोगों को धन्यवाद किया है. मम्मी, पापा, गुरु, दोस्त के रूप में ये वे लोग हैं, जो इन युवाओं के लिए न केवल विशेष स्थान रखते हैं, बल्कि इनके साथ व प्यार के लिए ऋणी रहेंगे. मूलत: अंगरेजों द्वारा शुरू किया गया यह दिवस 1621 में अमेरिका पहुंचा. अरविंद अरोड़ा लिखित ‘जॉर्ज वाशिंगटन और अमेरिका का इतिहास’ पुस्तक में इसकी चर्चा है कि 17वीं सदी में शरद ऋतु में फसल अच्छी होने पर प्रकृति को धन्यवाद देने के लिए अमेरिका में धन्यवाद दिवस का चलन बढ़ा. आज वैश्वीकरण के दौर में इंटरनेट व सोशल नेटवर्किग के जरिये यह भारत के छोटे शहरों तक पहुंच चुका है. फेसबुक पर इन दिनों ‘से थैंक्स’ टैग से वीडियो बना कर लोग शेयर कर रहे हैं.
प्रभात खबर के जरिये कहा : थैंक यू डियर
संगीत की शिक्षा ले रही आकांक्षा रानी अपनी मम्मी आशा रानी का धन्यवाद करती हैं. उनका कहना है कि संगीत से जुड़ाव के लिए उन्हें मम्मी का पूरा सपोर्ट मिला. मुंदीचक की नेहा चौधरी के लिए उनके पापा निरंजन चौधरी बेहद खास हैं. वह कहती हैं कि पापा को उन पर पूरा भरोसा है. विक्की कुमार खास तौर से अपने संगीत गुरु गोपाल कृष्ण मिश्र का धन्यवाद करते हैं. फाइन आर्ट्स की स्टूडेंट अन्नपूर्णा भी अपने श्रद्धेय रामलखन गुरुजी का धन्यवाद करती हैं. अपने मित्र चेतन चौबे का धन्यवाद करनेवाले राजकिशोर के साथ आशुतोष मिश्र व मुकेश चौधरी भी अपने दोस्तों का धन्यवाद करते हैं.