भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में परीक्षाओं के लिए कॉपियों की कोई कमी नहीं है, लेकिन यह पीजी की परीक्षाओं के लिए किसी काम की नहीं है. पीजी की परीक्षा में छात्रों को 24 पेज की कॉपियां दी ही नहीं जा सकती है. ऐसे में पीजी की परीक्षा के लिए कॉपियों की व्यवस्था पूर्व में ही कर लेनी होगी.
पीजी की परीक्षा के लिए 32 पेज की कॉपी परीक्षार्थियों को दी जाती है. विश्वविद्यालय के पास केवल स्नातक के परीक्षार्थियों को दी जानेवाली 24 पेज की कॉपियां ही उपलब्ध है. विश्वविद्यालय के पदाधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन कॉपियों की जांच करेगा कि कितने पेज की है.
विश्वविद्यालय के सामने कॉपियों को लेकर एक संकट और भी है. वह यह कि इन कॉपियों की खरीदारी वर्ष 2013 में की गयी थी. लिहाजा सारी कॉपियों पर वर्ष 2013 अंकित है. इनमें बची कॉपियां वर्ष 2014 या 2015 की परीक्षा में उपयोग में लाया जायेगा. इस पर विश्वविद्यालय के एक पदाधिकारी का कहना था कि कॉपियों पर अंकित वर्ष काट कर परीक्षा का वर्ष लिखना होगा. उनका कहना था कि वर्ष बदलने में उतनी परेशानी नहीं होगी. वर्ष 2013 में तत्कालीन कुलपति के कार्यकाल में जरूरत से अधिक कॉपियों की खरीदारी कर ली गयी थी. इस कारण लाखों कॉपियां बच गयी है. विश्वविद्यालय प्रशासन इसका इस्तेमाल कर लेना चाहता है, ताकि विश्वविद्यालय का धन बरबाद न हो और उपलब्ध सामग्री का सही उपयोग भी हो जाये.