भागलपुर : बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों व अंगीभूत कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 3,364 पदों पर बहाली के लिए राज्य सरकार की नियमावली से अभ्यर्थियों में खासा असंतोष है. यूजीसी गाइडलाइन से भिन्न नियुक्ति प्रक्रिया के कारण अभ्यर्थियों में व्याप्त नाराजगी व आक्रोश आंदोलन में भी तब्दील हो सकता है.
विभिन्न संगठनों ने इस नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार, शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है. कुछ पीएचडी धारकों ने कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है. नियुक्ति नियमावली में यूजीसी 2009 गाइडलाइन के अनुसार वर्ष 2009 के बाद बिना रिसर्च मैथडोलॉजी के एमफिल, पीएचडी की डिग्री प्राप्त करनेवालों को इसके योग्य नहीं माना गया है.
अगर वह नेट उत्तीर्ण नहीं हैं, तो बहाली की रेस से वह बाहर हो जायेंगे. राज्य भर के विश्वविद्यालयों में ऐसे लगभग 35 हजार अभ्यर्थी इस नियम से प्रभावित हो रहे हैं. यूजीसी के रिसर्च मैथडोलॉजी शामिल किये जाने के गाइडलाइन पर विश्वविद्यालयों में यह इसी वर्ष 2014 में लागू हो पाया. ऐसे में 2009 से 2014 के बीच पांच सालों में पीएचडी डिग्री प्राप्त अभ्यर्थियों की मुश्किलें बरकरार है. इसके अलावा शोध पत्र व पुस्तक प्रकाशन, जेआरएफ पर वेटेज नहीं दिये जाने को लेकर भी अभ्यर्थियों में आक्रोश कायम है.
* दिसंबर 2014 में नेट पास करने का आखिरी मौका
इस मुद्दे पर पूर्व में एक बार रार होने के बाद कुछ मामले न्यायालय भी पहुंचे थे. बाद में राज्य सरकार शिक्षा विभाग ने ऐसे अभ्यर्थियों को एकमात्र लाइफलाइन के तौर पर नेट उत्तीर्ण करने का विकल्प दिया है. अगर ऐसे अभ्यर्थी दिसंबर 2014 में नेट क्वालीफाइ कर लेते हैं, तो सहायक प्रोफेसर के पद पर उनकी दावेदारी की संभावना बढ़ सकती है. अंतिम रूप से साक्षात्कार समेत उनके ओवरऑल योग्यता पर दावेदारी पक्की होगी.
* नियुक्ति प्रक्रिया वापस लें: रिसर्च एसोसिएशन
नियमावली व नियुक्ति प्रक्रिया से आक्रोशित ऑल इंडिया रिसर्च स्कॉलर्स एसोसिएशन ने कड़ा विरोध जताया है. संघ का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया यूजीसी के गाइडलाइन के अनुरूप नहीं है. सबसे बड़ी त्रुटि विषयवार शैक्षणिक अर्हता का अलग स्पष्ट उल्लेख नहीं है. अध्यापन अनुभव, रिसर्च वर्क, शोध-आलेख व पुस्तक प्रकाशन को अधिभार(वेटेज)नहीं दिये जाने पर भी संघ में असंतोष है.
मैट्रिक, इंटर में प्राप्त अंकों पर वेटेज दिये जाने व जेआरएफ को अलग से अंक नहीं दिये जाने पर संघ में आक्रोश है. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम सुधा का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया राज्य के अभ्यर्थियों के साथ सरासर बेमानी है. प्रक्रिया में बहुत झोल है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री, बीपीएससी, यूजीसी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि संगठन इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी से भी भेंटवार्ता करेगा और हस्तक्षेप कर प्रक्रिया में दुरुस्तीकरण अथवा रद्द करने का आग्रह करेगा.