भागलपुर : सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए अब आइआइटी की राह आसान हो गयी है. आइआइटी काउंसिल की बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार जी एडवांस परीक्षा के लिए इन दोनों बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए क्वालिफाइंग क्राइटिरिया में छूट दी गयी है. इसके अनुसार अब 12वीं बोर्ड में टॉप 20 पर्सेंटाइल में नहीं आ पाने की स्थिति में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स भी जी एडवांस परीक्षा दे सकेंगे.
काउंसिल ने यह तय किया है कि 12वीं में टॉप 20 पर्सेंटाइल और 75 प्रतिशत अंक में से जो भी कम होगा, उसी आधार पर आइआइटी एडवांस के लिए स्टूडेंट्स को शॉर्टलिस्ट किया जायेगा. दूसरी ओर बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स को कोई राहत नहीं दी गयी है. उनके लिए क्वालिफाइंग क्राइटिरिया टॉप 20 पर्सेंटाइल ही रहने वाला है. बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए 75 प्लस नंबर भी ला पाना काफी मुश्किल होता है.
इसके अलावा अन्य राज्यों के भी लो स्कोरिंग बोर्ड के स्टूडेंट्स पर इस निर्णय का खासा असर नहीं पड़ेगा. वर्ष 2014 में 83 प्रतिशत अंक वाले स्टूडेंट्स जी एडवांस के लिए क्वालिफाइ कर पाये थे, जबकि वर्ष 2013 में 81 प्रतिशत अंक प्राप्त करनेवाले स्टूडेंट्स को जी एडवांस की परीक्षा में बैठने का मौका मिला था.
* क्यों किया गया बदलाव
सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड में स्टूडेंट्स को अधिक अंक मिलने के कारण टॉप 20 पर्सेंटाइल काफी ऊपर रहता था, जबकि सभी बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए ऐसा नहीं था. कारण कि कई राज्य के बोर्ड लो स्कोरिंग हैं, इस वजह से स्टूडेंट्स काफी पिछड़ जाते हैं. विषय विशेषज्ञों की मानें तो न्यूनतम योग्यता टॉप 20 पर्सेंटाइल ही रहेगा, क्योंकि टॉप 20 पर्सेंटाइल उनके लिए 60 प्रतिशत तक भी चला जाता है. इस वर्ष कई स्टूडेंट्स बेहतर स्कोर करने के बावजूद टॉप 20 पर्सेंटाइल में नहीं आ पाये थे और उनका नामांकन आइआइटी में नहीं हो पाया था. स्टूडेंट्स की इसी समस्या को देखते हुए काउंसिल ने यह निर्णय लिया है.