भागलपुर: 72 घंटे के अंदर एचआइवी मरीज से जन्म लिये नवजात को नेवरापीन दवा देने का नियम है पर रविवार से ही दवा के लिए बच्चे की मां सरकारी अस्पतालों का चक्कर लगा रही है.
झारखंड के साहेबगंज की 25 वर्षीया महिला को परिजनों ने रविवार की सुबह चार बजे जेएलएनएमसीएच में भरती कराया. जहां उसने 8.30 बजे एक पुत्र को सामान्य प्रसव के माध्यम से जन्म दिया. जन्म के तुरंत बाद नेवरापीन अस्पताल में दिया जाता है पर वहां यह दवा उपलब्ध नहीं थी. परिजनों को वहां के चिकित्सकों ने कहा कि सदर अस्पताल या अन्य स्थानों पर दवा के बारे में पता कर लो और दिला दो. सोमवार को परिजन दवा लेने के लिए जहां-तहां भटकते रहे. मंगलवार को चिकित्सकों ने महिला व नवजात को जेएलएनएमसीएच से डिस्चार्ज कर दिया. महिला अपनी मां व पति के साथ दो बच्चे को लेकर सदर अस्पताल दोपहर एक बजे पहुंची. वहां का दवा काउंटर बंद हो गया था. इसके बाद वह दवा काउंटर के बाहर नवजात को लेकर दूसरे दिन का इंतजार करने लगी. जब प्रभात खबर संवाददाता की नजर उस मरीज पर पड़ी तो एचआइवी काउंसेलर सुभ्रो वहां पहुंचे और महिला काउंसेलर रजनी से फोन पर बात की. बात करने पर पता चला कि दो पीस दवा अस्पताल में थी पर 30 अगस्त को ही दवा एक्सपायर हो चुकी है. इसकी सूचना राज्य मुख्यालय भी भेजी गयी है. पता चला कि राज्य भर में नेवरापीन दवा का अभाव है. सिर्फ कटिहार में दो-चार मरीजों के लिए दवा बची
हुई है. इधर सिविल सजर्न डॉ शोभा सिन्हा ने बताया कि दवाओं की जानकारी मुङो नहीं है. अगर दवा खत्म हो गयी थी तो इसकी सूचना मुख्यालय को
देनी चाहिए. वैसे इस संबंध में हम संबंधित कर्मचारी से शो कॉज पूछ रहे हैं और जरूरत पड़ी तो वेतन भी काटा जायेगा.
एचआइवी मरीज जब गर्भ धारण करती है तो उसकी जांच करायी जाती है. इसके साथ ही जब वह बच्चे को जन्म देती है तो बच्चे को तुरंत नेवरापीन की दवा दी जाती है ताकि बच्चे को एचआइवी का खतरा नहीं हो. दवा नहीं देने से बच्चे में एचआइवी होने का खतरा 70 प्रतिशत अधिक बढ़ जाता है.
डॉ माधवी सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ
पटना से हाथों-हाथ मंगा लेंगे दवा : अधीक्षक
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चिकित्सा अस्पताल में एचआइवी मरीजों के बच्चे को दी जाने वाली दवा नेवरापीन की उपलब्धता के लिए अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने कर्मचारी को पटना से दवा लाने का निर्देश दिया है. अधीक्षक ने बताया कि 28 अगस्त की बैठक में दवाओं पर पटना में चर्चा की गयी थी. कुछ कमियां राज्य स्तर पर थी पर दवा वहां उपलब्ध है. यहां से एक कर्मचारी को भेज कर हाथों-हाथ दवा मंगा लेंगे.