भागलपुर: जीरोमाइल थाना क्षेत्र स्थित रानी तालाब के पास मुख्य मार्ग पर गुरुवार की शाम साढ़े तीन बजे तेज रफ्तार मोटरसाइकिल की ठोकर से छात्र मयंक पोद्दार (13) की मौत हो गयी.
हालांकि गंभीर हालत में छात्र को जेएलएनएमसीएच में उपचार के लिए भरती कराया गया, लेकिन वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. मयंक दीक्षा इंटरनेशनल स्कूल का सातवीं कक्षा का छात्र था. घटना की सूचना पाकर जीरोमाइल वैशाली नर्सरी स्थित उसके घर में कोहराम मच गया. छात्र को देखने के लिए मायागंज अस्पताल में परिजनों व स्कूल के छात्रों क भीड़ उमड़ पड़ी. मयंक के बड़े भाई चंदन पोद्दार ने अस्पताल के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि इलाज में कोताही बरतने से उसके भाई की मौत हो गयी. उसने जीरोमाइल थाना में अज्ञात मोटरसाइकिल चालक के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है. छात्र का पोस्टमार्टम शुक्रवार को किया जायेगा.
सड़क किनारे मुंह के बल गिरा मायंक : मयंक के दोस्त अंकेश कुमार ने बताया कि वह अपने मामा मुकेश कुमार के साथ मोटरसाइकिल पर बैठा था. साथ में मयंक भी था. सभी मोटरसाइकिल से सबौर जा रहे थे. रानी तालाब के पास मयंक ने मोटरसाइकिल से उतरने की बात कही. मामा ने मोटरसाइकिल रोक दी. उसके बाद जैसे ही मयंक मोटरसाइकिल से उतरा कि तिलकामांझी की ओर से तेज रफ्तार से जा रहे मोटरसाइकिल सवार ने उसे ठोकर मार दी. मयंक सड़क किनारे मुंह के बल गिर पड़ा. गंभीर हालत में मयंक को उठा कर मायागंज अस्पताल में इलाज के लिए भरती कराया.
सही समय पर नहीं हुआ उपचार : मयंक के बड़े भाई चंदन पोद्दार ने कहा कि जिस समय भाई को अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया था वह जिंदा था. लेकिन समय पर उपचार नहीं होने के कारण मयंक की मौत हो गयी. चंदन ने आरोप लगाया है कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने इलाज में लापरवाही बरती. मामले को गंभीरता से लिया गया होता, तो मयंक की जान बच सकती थी. इमरजेंसी विभाग में बैठे डॉक्टर और नर्स को जल्दी इलाज शुरू करने के लिए तीन-चार बार कहा. लेकिन उन लोगों ने ध्यान नहीं दिया.
टीचर को सरप्राइज देना चाहता था मयंक
मयंक के दोस्तों ने बताया कि शिक्षक दिवस को लेकर मयंक दो-चार दिन से बहुत उत्साहित था. दोस्तों के साथ वह पांच सितंबर को होनेवाले कार्यक्रम में टीचर को सरप्राइज देने का मन बना रहा था. शिक्षक को हर छात्र से अलग कुछ अपने तरीके से सरप्राइज करने की उसकी योजना थी. उसे क्या मालूम था कि शिक्षक दिवस पर सरप्राइज देने के बजाय वह दोस्तों व शिक्षकों को गम के साये में छोड़ जायेगा.
हो सकता था हंगामा
मयंक पोद्दार की मौत के बाद जेएलएनएमसीएच में हंगामा होते-होते बच गया. छात्र की मौत की खबर सुनते ही अस्पताल परिसर में मौजूद विद्यालय के छात्र कुछ मिनट तक संयम खो बैठे थे. लेकिन वहां मौजूद कुछ लोगों ने छात्रों को समझा बुझा कर शांत कराया. छात्रों का भी आरोप था कि अस्पताल में उसके दोस्त का ठीक से इलाज नहीं किया गया है.