सबौर: डीपीएस में रशियन भाषा की पढ़ाई शुरू हो गयी है. बुधवार को इसके शिक्षक बोरिस जहोरूल्को ने पदभार ग्रहण किया. डीपीएस प्रबंधन ने बताया कि डीपीएस पहला स्कूल है, जहां रशियन भाषा की पढ़ाई शुरू हो रही है.
इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देश रूस व भारत के बीच शैक्षिक व सभ्यता का आदान-प्रदान करना है. प्राचार्य डॉ अरूणिमा चक्रवर्ती ने कहा कि रशियन भाषा की पढ़ाई कर छात्र-छात्रएं खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर सकेंगे.
विद्वान शिक्षक के मार्गदर्शन में बच्चे करेंगे पढ़ाई
डीपीएस में नये पदस्थापित शिक्षक बोरिस जहोरूल्को एम फिल इंगलिश फियोलॉजी इन्स्टीटय़ूट ऑफ फॉरेन लेंग्वेजेज, रूस 1975 हैं. पीएचडी भाषा विज्ञान (अंगरेजी) इन्स्टीटय़ूट ऑफ लिंग्वेस्टिक अकादमी ऑफ सांइस रूस मास्को 1988 और विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में 50 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित करा चुके हैं. वे अंगरेजी,रूसी भाषाओं के ज्ञान के अतिरिक्त भाषा विज्ञान, भाषा दर्शन, व्याकरण व उससे संबंधित विषयों के जानकार सलाहकार तथा उन भाषाओं के अंगरेजी में अनुवाद करने में दक्ष हैं. उन्हें रूसी, अंगरेजी, जर्मन, संस्कृत, तेलगु, हिंदी तथा बंगला भाषा की भी सामान्य जानकारी है. श्री जहोरूल्को ने अंगरेजी शिक्षण जर्मन हाई सेकेंड्री स्कूल में किया है. प्रवक्ता अंगरेजी विभाग काबरडिनो बालकर विश्वविद्यालय सेराखास, पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट भाषा विज्ञान संस्थान विज्ञान अकादमी मास्को रूस, रूस में विदेशी भाषा और भारतीय भाषाओं के अनुवादक रहे हैं.
अंगरेजी विश्व संस्कृति के एसोसिएट प्रोफेसर रहे हैं. भ्रमण संस्था ‘‘ गोल्डेन बिच’’ में अनुवादक, विशाखापत्तनम में अंगरेजी रूसी भाषा के अनुवादक, खरसन यूरोपियन विश्वविद्यालय कियेम युक्रेन में एसोसिएट प्रोफेसर अंगरेजी एवं दर्शन, सामाजिक मानवता एवं मौलिक शाखा, दुर्गापुर में अंगरेजी रूसी अनुवादक, ब्रrाोश आकाश नयी दिल्ली में अनुवाद के रूप में कार्य कर चुके हैं.