भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चिकित्सा अस्पताल में भरती मरीजों के भोजन पर सरकार हर माह लाखों रुपये खर्च करती है. लेकिन उसकी व्यवस्था पर हजार रुपये भी खर्च करने से परहेज करती है.
इस कारण हर वक्त भोजन की गुणवत्ता को लेकर किचन में कार्यरत कर्मचारी सशंकित रहते हैं. चूंकि किचन में आये दिन सांप-बिच्छू निकलने की शिकायत आती है पर प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं देता है. यह स्थिति तब है जब जिला के विभिन्न सरकारी स्कूलों में आये दिन मध्याह्न् भोजन में छिपकली सहित अन्य कीड़े-मकौड़े मिलने की वजह से बच्चे बीमार होते रहते हैं.
सिर्फ जून में मरीजों के भोजन पर अस्पताल प्रबंधन ने 87 08163 रुपये खर्च किये गये हैं. आम तौर पर रोजाना पांच से छह सौ मरीजों का भोजन अस्पताल में सुबह-शाम तैयार किया जाता है. इसमें कई मरीजों को लीक्विड डाइट पर ही रखा जाता है. ऐसे में अगर इस डाइट में कुछ पड़ जाये तो यह तभी पता चलेगा जब बालटी का सारा जूस समाप्त होने के कगार पर रहेगा. तब तक मरीज जूस पी चुका होगा. ऐसे में मरीजों की सेहत को लेकर प्रबंधन को गंभीर होना चाहिए.
किचन की खिड़की में जाली नहीं : किचन की खिड़की के बाहर जंगल-झाड़ को तो प्रबंधन ने साफ करा दिया है पर उसमें हजार रुपये जाली नहीं लगायी गयी है. नतीजतन गरमी के दिनों में सांप आ जाता है. अस्पताल परिसर में किचन इंडोर के नीचे बनाया गया है और उसके ठीक पीछे गंगा नदी बहती है. नदी के पहले अस्पताल की दीवार के पास अभी भी कुछ जंगल-झाड़ हैं जिसे अस्पताल प्रबंधन साफ करा रहा है.