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जांच पर उठने लगे सवाल

भागलपुर : फल व्यवसायी विश्वनाथ गुप्ता हत्याकांड में पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो गये हैं. भागलपुर के इस चर्चित हत्याकांड में जिला पुलिस अधीक्षक पर पक्षपात का आरोप लगने के बाद पुलिस महानिदेशक अभयानंद के निर्देश पर इस कांड की जांच अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस उप महानिरीक्षक डॉ कमल किशोर सिंह […]

भागलपुर : फल व्यवसायी विश्वनाथ गुप्ता हत्याकांड में पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो गये हैं. भागलपुर के इस चर्चित हत्याकांड में जिला पुलिस अधीक्षक पर पक्षपात का आरोप लगने के बाद पुलिस महानिदेशक अभयानंद के निर्देश पर इस कांड की जांच अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस उप महानिरीक्षक डॉ कमल किशोर सिंह को सौंपी गयी थी.

पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूरे मामले की जांच के बाद जिला पुलिस प्रशासन को दिशा निर्देश देने की जिम्मेवारी डीआइजी श्री सिंह को सौंपी गयी थी. डीआइजी श्री सिंह की रिपोर्ट में जांच के क्रम में सीधे तौर पर आरोप के घेरे में आ रहे प्रमुख व्यवसायी दीपक साह के विरुद्ध किसी प्रकार का साक्ष्य नहीं पाया गया है. फोन काल्स के डिटेल्स व संपत्ति विवाद के किसी दूसरे मामलों के तुलनात्मक जांच में भी दीपक साह की सहभागिता नहीं पायी है. ऐसे में जांच रिपोर्ट में दीपक साह को संदेह का लाभ दिया गया है.

पूरी जांच रिपोर्ट में दीपक साह व उनके परिवार की वंशावली भी दी गयी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जांच रिपोर्ट में न्यायालय का निर्देश प्राप्त कर पूरक चाजर्शीट दाखिल करने व जांच के क्रम में पाये गये सभी तथ्यों को यथावत रखने का निर्देश दिया है.

हालांकि स्थानीय लोगों का मानना है कि जिस मामले में न्यायालय ने संज्ञान ले लिया हो और आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका हो और स्पीडी ट्रायल में केस लंबित हो,उस मामले में किसी को क्लीन चिट देना उचित नहीं है. विश्वनाथ गुप्ता हत्याकांड में दीपक साह को छोड़ कर सभी अभियुक्तों पर आरोप पत्र समर्पित किया जा चुका है. न्यायालय ने संज्ञान भी लिया है.

मुख्य अभियुक्त मीनू मियां ने 164 में न्यायालय में बयान दिया है. चाजर्शीट भी दाखिल किया जा चुका है, कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है. हत्याकांड की जांच के क्रम में जेल के चिकित्सक डॉ विरेंद्र कुमार बादल व डॉ सत्येंद्र कुमार को निदरेष बताया जाना स्थानीय पुलिस को पच नहीं रहा.

मुख्यालय की रिपोर्ट में राधा रमण चौधरी के नाम का मोबाइल सीम को दीपक साह द्वारा प्रयोग में लाये जाने के बिंदु पर भी क्लीन चिट दिया गया है. जबकि सवाल लाजिमी है कि भागलपुर की पूर्व पुलिस कप्तान केएस अनुपम जब सदल बल दीपक साह को खोज रही थी, उसके घर छापेमारी की गयी तो वह फरार हो गया था. इस दौरान श्री साह ने उक्त मोबाइल नंबर का प्रयोग किया था. तब, पुलिस ने दीपक साह के घर छापेमारी के दौरान चार आग्‍नेयास्त्रों को जब्त किया था.

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