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बेटे के हत्यारे के पकड़े जाने की आस में चल बसी मां

भागलपुर: पांच महीने से बेटे रोहन के हत्यारे के पकड़े जाने का इंतजार कर रही मां रानी देवी ने 26 जुलाई को दम तोड़ दिया. नवमी कक्षा के छात्र रोहन की हत्या 13 मार्च 2014 को भागलपुर रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी अमरनाथ एक्सप्रेस के डब्बे में कर दी गयी थी. जब ट्रेन रात […]

भागलपुर: पांच महीने से बेटे रोहन के हत्यारे के पकड़े जाने का इंतजार कर रही मां रानी देवी ने 26 जुलाई को दम तोड़ दिया. नवमी कक्षा के छात्र रोहन की हत्या 13 मार्च 2014 को भागलपुर रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी अमरनाथ एक्सप्रेस के डब्बे में कर दी गयी थी.

जब ट्रेन रात 11 बजे प्लेटफार्म पर पहुंची, तो बोगी में रोहन की लाश मिली थी. इस मामले में जीआरपी थाना में परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज कराया था. घटना के पांच माह बाद भी जीआरपी थाना पुलिस हत्यारे को खोज नहीं सकी. किसी संदिग्ध की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है. पूछे जाने पर पुलिस परिजनों को कहती थी कि खोज जारी है. बाद में तो पुलिस कहने लगी कि आप लोग ही दोषियों को खोज कर लायें.

मां की मौत के बाद बहन की हालत भी गंभीर
दूसरी ओर बेटे की हत्या के बाद घर की स्थिति गंभीर हो चुकी है. रोहन के पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं. घर में दो बहन व एक भाई है. बेटे की मौत के बाद वो जगह-जगह भटक कर थक चुके हैं. रोहन की मां भी बार-बार रेल पुलिस से गुहार लगा कर थक चुकी थी. घर की माली हालत भी ऐसी नहीं कि बहुत ऊपर तक पैरवी कर सके. ऐसी स्थिति में घुटन की शिकार मां रानी देवी ने 26 जुलाई को दम तोड़ दिया. मां की मौत के बाद बहन की हालत भी गंभीर हो गयी है.

हाल रेल पुलिस का
मालदा डिविजन के भागलपुर-जमालपुर रेल खंड पर रेल पुलिस की उपलब्धियां शून्य हैं. ट्रेनों में अवैध यात्र करनेवालों की भीड़ बनी रहती है. जेबकतरों व छिनतई करनेवालों पर भी लगाम नहीं है. जुलाई माह में ही एक जेबकतरे को यात्रियों ने पकड़ा, तो रेल पुलिस ने उसे छुड़ा दिया. कोयला तस्करों का भी यह सेफ जोन है. इस खंड में रेल से यात्र करनेवाले रोज प्रताड़ित होते हैं, पर कोई देखनेवाला नहीं. अधिकतर चुप रहने में ही भलाई समझते हैं. अगर किसी ने मामला दर्ज कराया तो भी कुछ नहीं होता. भागलपुर के एक इंजीनियरिंग के छात्र की गया-हावड़ा में पीरपैंती में अपराधियों ने बुरी तरह पिटाई कर दी. बेहोशी की हालत में उसे साहेबगंज में उतारा गया था. इस मामले में भी कुछ नहीं हुआ. रेलवे स्टेशन पर अवैध दुकानदारों का कब्जा है.

जो सवाल अब भी जीवित हैं
रोहन की लाश मिलने के बाद पीड़ित परिजनों ने दोस्तों का नाम देकर एफआइआर कराया था. इसके बाद पुलिस ने रोहन का कॉल डिटेल भी निकाला था, पर उनमें से किसी को भी रेल पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया. रोहन के कॉल डिटेल में जिन लड़कों का नाम आया था उनमें एक वार्ड पार्षद का भतीजा भी है, पर रेल पुलिस ने कुछ नहीं किया. रोहन की मोटरसाइकिल नवगछिया रेलवे स्टेशन पर पड़ी मिली थी, इस संबंध में भी पुलिस कुछ नहीं कर सकी. जानकार सूत्रों का कहना है कि अगर रेल पुलिस पूछताछ करती, तो कई जानकारियां मिलतीं.

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