नसबंदी मामले में कोर्ट ने कहा
भागलपुर : 11 जुलाई को सदर अस्पताल में सूर्या क्लिनिक के माध्यम से पक्की सराय के आठ लोगों का हाइड्रोसिल ऑपरेशन के नाम पर नसबंदी कर देने के मामले में शनिवार को न्यायालय ने पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश
दिया है.
शनिवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रमेश चंद्र मालवीय ने अधिवक्ता डॉ राजेश तिवारी के बहस करने के बाद यह आदेश दिया. अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है और कोतवाली थानाध्यक्ष को ऑपरेशन में शामिल चिकित्सक डॉ असीम कुमार दास, सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ संजय कुमार, प्रभारी सीएस डॉ रामचंद्र प्रसाद, सूर्या क्लिनिक के मैनेजर दिलीप कुमार व पक्की सराय के तथाकथित चिकित्सक निरंजन पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.
डॉ तिवारी ने बताया कि गवाही की तिथि शनिवार को पूर्व से ही तय कर दी गयी थी. परिवादी विनोद तांती भी बहस के दौरान मौजूद थे. बहस होने के बाद 156 (3) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और अनुसंधान के बाद प्रपत्र समर्पित करने का आदेश कोर्ट ने दिया. बहस के दौरान अधिवक्ता अमित कुमार व पीड़ित पक्ष के सदस्य पगलू तांती भी मौजूद थे.
उल्लेखनीय है कि परिवार कल्याण पखवारा कार्यक्रम के दौरान 11 जुलाई को घोघा के पक्की सराय गांव के आठ लोगों की नसबंदी कर दी गयी थी. इसमें तीन वैसे पुरुष भी थे जिनकी पत्नी का पूर्व में ही बंध्याकरण हो चुका था.