भागलपुर: बिजली संकट से बुधवार को दिन भर हाहाकार मचा रहा. बिजली की आंख- मिचौनी से आम व खास दोनों परेशान रहे. दिन भर शहर को महज 30 मेगावाट बिजली मिली, जो खपत के हिसाब से नाकाफी है.
लोकल फाल्ट से दो – ढाई घंटे के बाद लोगों को आधा- एक घंटा के लिए बिजली मिलती थी. देर शाम आपूर्ति में सुधार हुई तब जाकर लोगों की परेशानी कम हुई. बिजली संकट से जल संकट भी लोगों को ङोलना पड़ा.
बिजली संकट से यहां के लोगों को निजात नहीं मिल रहा है. बुधवार को भी लोगों को बिजली के बिना काफी परेशानी ङोलनी पड़ी. पूरा शहर जेनेरेटर की आवाज व धुआ से परेशान रहा. बिजली के बिना लोग गरमी व ऊमस में उबलते रहे. दिन भर में मुश्किल से एक इलाके में तीन से चार घंटे बिजली मिली. देर शाम आठ बजे के बाद जब 60 मेगावाट की आपूर्ति शुरू हुई तब जाकर राहत हुई.
बिजली संकट से रोजा रखनेवालों को काफी परेशानी ङोलनी पड़ी. इफ्तार के समय शीतल जल नहीं मिल रहा है. बिजली संकट का सबसे अधिक असर जलापूर्ति व्यवस्था पर पड़ा. व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित हुई. बिजली संकट से शाम में शहर का अधिकांश हिस्सा अंधेरे में डूबा रहा. बिजली संकट के खिलाफ लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. बिजली संकट की चिंता न तो बिजली कंपनी को है और न ही फ्रेंचाइजी कंपनी को. शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी बिजली के लिए परेशान रहे. सब स्टेशन व फ्रेंचाइजी कंपनी के कार्यालयों में बिजली के बारे में जानकारी के लिए उपभोक्ता फोन करते रहे, लेकिन कोई उठाने वाला नहीं था.