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गैस सिलिंडर विस्फोट : दर्द से कराह रहे अपनों को देख परेशान होते रहे परिजन

भागलपुर : गैस सिलिंडर विस्फोट की सूचना के साथ ही मायागंज अस्पताल के अंदर की भीड़ को खाली करा दिया गया. जो लोग बेवजह अस्पताल में घूम रहे थे उनको सुरक्षा गार्ड ने अस्पताल से बाहर निकाल दिया. पहले से तैयार अस्पताल में घायल आने लगे. ट्रॉली मैन लगातार घायलों को लेकर अस्पताल के अंदर […]

भागलपुर : गैस सिलिंडर विस्फोट की सूचना के साथ ही मायागंज अस्पताल के अंदर की भीड़ को खाली करा दिया गया. जो लोग बेवजह अस्पताल में घूम रहे थे उनको सुरक्षा गार्ड ने अस्पताल से बाहर निकाल दिया. पहले से तैयार अस्पताल में घायल आने लगे. ट्रॉली मैन लगातार घायलों को लेकर अस्पताल के अंदर आ रहे थे. चिकित्सक ओटी में तैनात थे.
सीनियर चिकित्सकों के साथ-साथ अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ एके दास डटे थे. घायलों को सीधे ओटी में ले जाया जा रहा था. चिकित्सकों की कमी न हो इसके लिए जूनियर चिकित्सकों को भी इलाज के लिए तैनात कर दिया गया. मामले को लेकर कोई लापरवाही न हो इसलिए अस्पताल अधीक्षक डॉ आरसी मंडल भी यहां पहुंचे. गंभीर रूप से घायल शुभम तांती को सबसे पहले ओटी में ले जाया गया. लेकिन उनके सिर में गंभीर चोट होने की वजह से कुछ देर में उनकी मौत हो गई.
कुछ ही देर बाद लोग बबलू साह को लेकर अस्पताल आये. ओटी में ही इनकी भी मौत हो गयी. दो लाश एक साथ निकलने से चिकित्सक के साथ-साथ आम लोग भी परेशान हो गये. आनन-फानन में ऑक्सीजन गैस सिलिंडर को लाया गया. करीब आधे दर्जन सीनियर चिकित्सक जो मरीज जहां था उसका वहीं इलाज करने लगे. मरीजों को बेड मिले इसके लिए इमरजेंसी वार्ड के शिशु रोग विभाग को भी खाली करा दिया गया. पांच से ज्यादा घायलों को यहां रखा गया.
दूसरी ओर जिस मरीज को सीटी स्कैन की जरूरत थी उसे आनन-फानन में ले जाया जा रहा था. अस्पताल अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने बताया कि, मरीज को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए सभी इमरजेंसी सुविधा को खोल दिया गया है. कर्मचारी को तैनात रहने का आदेश दिया गया है.
जूनियर चिकित्सकों पर लगा रेफर करने के दबाव का आराेप: मायागंज अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों के परिजनों ने जूनियर चिकित्सकों पर जबरन रेफर करने का आरोप लगाया. इन लोगो का आरोप था कि इलाज न करना पड़े इसके लिए कुछ जूनियर चिकित्सक हमें यहां से जाने का सलाह दे रहे थे. कई बार इनको मरीज को देखने का आग्रह किया गया पर वे हमारी बातों को टाल रहे थे.
दर्द से परेशान स्लाइन को िनकाल कर फेंक रहा था
मायागंज अस्पताल में आग की जलन से मरीज तड़प रहे थे. इनकी हालत देख परिजन परेशान थे. बार-बार चिकित्सकों से बेहतर दवा देने का आग्रह कर रहे थे . दर्द से परेशान महेंद्र साह लगातार स्लाइन को खीज कर बाहर निकालने का प्रयास कर रहे थे. फर्श पर लेटे महेंद्र का हाथ बार-बार पकड़ने का प्रयास इनके परिजन कर रहे थे. अंत में महेंद्र ने अपने हाथ में लगा स्लाइन निकाल कर फेंक दिया. जिसके बाद परिजन परेशान हो गये, अंत में चिकित्सकों से फरियाद करने लगे.

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