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बाबा अजगैवीनाथ बने दूल्हा, भूत-पिशाच थे बराती

महाशिवरात्रि. बाजे-गाजे के साथ शिवालयों से निकली बरात, डीजे की धुन पर थिरके बराती अजगैवी मंदिर से निकली बाबा की भव्य बरात दो किमी लंबी बरात में शामिल थे हजारों लोग विभिन्न तरह की झांकियां थीं आकर्षण का केंद्र जगह-जगह की गयी गुलाबजल व पुष्प की वर्षा भीड़ के कारण शहर में बन गयी जाम […]

महाशिवरात्रि. बाजे-गाजे के साथ शिवालयों से निकली बरात, डीजे की धुन पर थिरके बराती

अजगैवी मंदिर से निकली बाबा की भव्य बरात

दो किमी लंबी बरात में शामिल थे हजारों लोग

विभिन्न तरह की झांकियां थीं आकर्षण का केंद्र

जगह-जगह की गयी गुलाबजल व पुष्प की वर्षा

भीड़ के कारण शहर में बन गयी जाम की स्थिति

सुलतानगंज : महाशिवरात्रि पर बुधवार की शाम अजगैवीनाथ मंदिर से गाजे-बाजे के साथ बाबा अजगैवीनाथ की बरात निकली. बरात में शिव के गण व भूत-पिशाच का वेश धारण किये कई लोग थे. घोड़े, बैलगाड़ी, कई तरह की झांकियां आकर्षण के केंद्र थे. बाबा की भव्य बरात की एक झलक पाने को हर गली व चौक-चौराहे पर लोगों की भीड़ लगी थी. हजारों लोग अपने घरों की छतों पर चढ़कर अद्भुत नजारा देख रहे थे. दो किमी लंबी बरात में भारी संख्या में लोग बराती बनकर शामिल हुए थे.

बाबा अजगवी के स्वरूप में दूल्हा रथ पर सवार थे. घंटे-घड़ियाल, नगाड़े, बाजे व डीजे की धुन से पूरी अजगैवीनगरी शिवमय हो गयी थी. बरात के स्वागत में जगह-जगह कई समितियों ने स्टॉल लगा रखे थे. बरात के आगे घुड़सवार दल व बैलगाड़ी पर सवार सैकड़ों बच्चे व पुरुष चल रहे थे. इसके बाद महामृत्युंजय मंत्र का जाप करती झांकी चल रही थी. इसके बाद शिव की भव्य प्रतिमा थी. साथ में श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा अजगैवीनाथ मंदिर के स्थानापति महंत प्रेमानंद गिरि थे. लोग उनसे प्रसाद व आशीर्वाद ले रहे थे. युवा बजरंगबली समिति ध्वजागली समीप पंडित मुनमुन झा ने शिव प्रतिमा की आरती उतारी और महंत का स्वागत किया.

देर रात हुआ शिव-पार्वती का विवाह

स्टेशन रोड, कृष्णगढ़, थाना, ब्लॉक होते हुए बरात अबजूगंज पहुंची और फिर वहां से वापस लौटकर मंदिर पहुंची. यहां देर रात विवाह की रस्म पूरी की गयी. मंदिर के पंडित निरंजन झा ने शिव-पार्वती की शादी करायी. इस दौरान महिलाओं ने शादी गीत गाये.

थम गयी यातायात व्यवस्था

भगवान शिव की बरात निकलने के बाद कुछ देर के लिए शहर की यातायात व्यवस्था थम गयी. वाहनों की लंबी कतार लग गयी. मुख्य चौक पर बरात पहुंचने के बाद तो जाम ही लग गया. एहतियात के तौर पर दोपहर एक बजे से ही बिजली काट दी गयी थी. मंदिर प्रांगण में बरात लौटने के बाद देर शाम सात बजे बिजली बहाल हुई.

मूल्यांकन को तैनात थी निर्णायक मंडली 18 को पुरस्कार वितरण

झांकियों के मूल्यांकन के लिए 17 जगहों पर निर्णायक तैनात थे. निर्णायक मंडल में छविनाथ कुशवाहा, रामानंद पासवान, प्रो संजय कुमार मंडल, शंकर बिंद, रंजीत कुमार साह, मो नोमान, मो नाहेद, पुरुषोत्तम कुमार, पवन केसान, उमेश साह, गोपाल प्रसाद चौधरी, विनय चौधरी, कैलाश बिहारी, निरंजन चौधरी आदि शामिल थे. 18 को बेहतरीन झांकियाें को पुरस्कृत किया जायेगा.

चर्चा में रहीं झांकियां

बरात में लगभग पांच दर्जन स्थायी झांकी, छह चलंत झांकी, नौ बैलगाड़ी, 41 घोड़े व छह डीजे शामिल थे. पतंजलि आदर्श योग उपसमिति नयी दुर्गास्थान की भगवान विष्णु मोक्ष गाथा की झांकी, दिपांशु डांस क्लासेस की यमराज का दरबार (यमराज मुकेश उर्फ टिंकू, चित्रगुप्त नितfन कुमार व डायरेक्टर दीपक दिपांशु), रौनक कोचिंग सेंटर बाल आदि शक्ति पार्वती, ध्वजागली के शंकर सम्राट की प्रस्तुति महाकाल की बरात, पाल कला केंद्र की भगवान कार्तिक, रावण की शिव पूजा, साईं नाथ,

अर्द्धनारीश्वर रूप में विशाल पटेल की चलंत झांकी, ईश्वरीय प्रजापति विश्व विद्यालय भगवान शंकर की झांकी, अजगैवीनाथ खेल संस्थान की धरती में समाहित सीता माता की झांकी, शाहाबाद चौक की सती के स्वाहा होने पर महाकाल की झांकी चर्चित रहीं. कृष्ण-राधा लीला, भूत पिशाच,भारत माता, श्रवण कुमार, बाल कृष्ण लीला, दहेज प्रथा, बाल विवाह, रावण भस्मासुर, सैनिक हिंदुस्तान-पाकिस्तान सहित 56 स्थायी झांकियां शामिल थीं.

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