दुकान, शोरूम सहित कई जगह हैं इन्वेस्टमेंट
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बुलेट बाबू ने 30 हजार सैलरी पर बनायी करोड़ों की जायदाद
दुकान, शोरूम सहित कई जगह हैं इन्वेस्टमेंट डीआरडीए, विकास शाखा व जिला नजारत में था नाजिर अमरेंद्र बुलेट वाले बाबू के रूप में थी समाहरणालय में पहचान भागलपुर : सृजन घोटाले में सीबीआइ की गिरफ्त में आये जिला नजारत का नाजिर अमरेंद्र यादव बड़े साहबों का दुलारा था और समाहरणालय में उसकी पहचान बुलेट बाबू […]
डीआरडीए, विकास शाखा व जिला नजारत में था नाजिर अमरेंद्र
बुलेट वाले बाबू के रूप में थी समाहरणालय में पहचान
भागलपुर : सृजन घोटाले में सीबीआइ की गिरफ्त में आये जिला नजारत का नाजिर अमरेंद्र यादव बड़े साहबों का दुलारा था और समाहरणालय में उसकी पहचान बुलेट बाबू के रूप में थी. 14 वर्ष पूर्व चार हजार की सैलरी से शुरुआत करनेवाले अमरेंद्र यादव की वर्तमान में करीब 30 हजार रुपये की सैलरी थी. मगर आरोपित ने करोड़ों की जायदाद बनायी. सरकार को स्व-घोषित संपत्ति की शान भी उसकी असली संपत्ति के सामने फीकी था. सूत्रों के मुताबिक, मुख्य मार्ग में उनकी दुकान तो हैं ही, शहर के कई बाजारों के नामचीन शोरूम में उनका इन्वेस्टमेंट है. बैंकों से नजदीकी होने के कारण नया व्यवसायी एक बार जरूर अमरेंद्र यादव से लोन आदि को लेकर संपर्क करते थे.
समाहरणालय में आम कर्मियों के साथ दूरी बनाकर रहनेवाले अमरेंद्र की बैठकी अधिकतर नामचीन व्यवसायियों के बीच ही थी. बैंक से लोन दिलाने से लेकर प्रशासनिक अफसर से नजदीकी बनाने के चक्कर में आरोपित का रसूख भी कई व्यवसायियों में था.
वर्ष 2004 में नौकरी लगने के बाद नाजिर की भूमिका में रहा अमरेंद्र : लोक सेवा के माध्यम से वर्ष 2004 में जिला के जगदीशपुर अंचल में क्लर्क पद पर अमरेंद्र यादव ने सेवा शुरू की थी. वहां से साल भर के बाद बड़े साहबों से नजदीकी बनाकर जिला में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण(डीआरडीए) में तबादला करा लिया. डीआरडीए में वह नाजिर के रूप में काम किया और वहां से विकास शाखा में चला गया. विकास शाखा में आने पर दोबारा डीआरडीए चला गया. मगर उसकी नजर समाहरणालय के सबसे अहम शाखा जिला नजारत में पहुंचने की थी. वर्ष 2014 में गोपनीय के एक कर्मी के माध्यम से अपनी पैठ बनायी और जिला नजारत का नाजिर बन गया. जिला नजारत का नाजिर बनते ही खरीद से लेकर तमाम सेवा-सत्कार का जिम्मा खुद ले लिया. हर तरह की सेवा देने में माहिर और कर्मी के तौर पर जानकार रहने के कारण जिला नजारत के वरीय प्रभारी का भी चहेता बन जाता था.
इंडियन बैंक से लिया लोन, बरहपुरा में है 28 लाख की जमीन : जिला नजारत के नाजिर अमरेंद्र कुमार ने इंडियन बैंक की भागलपुर शाखा से लोन लिया है. इस बात का जिक्र उसे अपनी स्व घोषित संपत्ति में किया है. उसने शहर के बरहपुरा में 28 लाख की जमीन खरीदी. यह जमीन दो हजार 304 वर्ग फीट में है.
यह है अमरेंद्र यादव की
स्व घोषित संपत्ति
नगद : दो लाख 10 हजार 692 रुपये व पत्नी पूजा कुमारी के नाम पर दो लाख 40 हजार रुपये.
बांड : 50 हजार व 11.5 लाख रुपये का इंश्योरेंस
वाहन : हीरो होंडा बाइक
ज्वेलरी : 50 ग्राम सोना (कीमत डेढ़ लाख)
अन्य सामान : 26 हजार का टीवी व 15 हजार का रेफ्रिजेटर
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