सफलता. बांका व भागलपुर जिले के विभिन्न थानों में दर्जनों मामले हैं दर्ज
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”तेरे नाम” गिरोह का सरगना कपिल गिरफ्तार
सफलता. बांका व भागलपुर जिले के विभिन्न थानों में दर्जनों मामले हैं दर्ज डीआइयू टीम, तिलकामांझी व जीरोमाइल पुलिस ने किया गिरफ्तार भागलपुर : लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना कुख्यात अपराधी कपिल यादव बुधवार को भागलपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गया. तिलकामांझी, जीरोमाइल व डीआइयू के संयुक्त अभियान में कपिल यादव बुधवार […]
डीआइयू टीम, तिलकामांझी व जीरोमाइल पुलिस ने किया गिरफ्तार
भागलपुर : लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना कुख्यात अपराधी कपिल यादव बुधवार को भागलपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गया. तिलकामांझी, जीरोमाइल व डीआइयू के संयुक्त अभियान में कपिल यादव बुधवार को दोपहर बाद करीब तीन बजे तिलकामांझी थानाक्षेत्र के घूरन साह पीर बाबा मजार के पास से गिरफ्तार हो गया.
गिरफ्तार कपिल पर नवंबर माह में इंजीनियरिंग कॉलेज के समीप नर्स की गोली मारकर की गयी हत्या के मामले समेत बांका व भागलपुर के विभिन्न थानों में हत्या, लूट, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट समेत दर्जनों मामले दर्ज है. कभी कुख्यात अपराधी सत्तन यादव का शागिर्द रहे कपिल यादव ने शहर में ‘तेरे नाम’ गिरोह खड़ा किया था. पुलिस को सूचना मिली कि कपिल यादव मनाली चौक के पास आ रहा है और वह कहीं भागने की फिराक में है. डीआइयू प्रभारी अपने तीन जवान,
तिलकामांझी थानाध्यक्ष संजय कुमार सत्यार्थी, जीरोमाइल थानाध्यक्ष रंजन कुमार मनाली चौक के पास डेरा डाल दिये. बुधवार को अपराह्न तीन बजे के करीब कपिल यादव घूरन साह पीर बाबा के मजार के पास दिखा, तो पुलिस उसकी तरफ लपकी. बहुत प्रयास के बाद अंततोगत्वा कपिल यादव पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया. कपिल यादव मूल रूप से नाथनगर प्रखंड के गनौरा बादरपुर का निवासी है. इसका जेएलएनएमसीएच क्वार्टर के पीछे ससुराल है. यहीं कारण है कि इसने बरारी थानाक्षेत्र में अपराध का साम्राज्य खड़ा किया था. पप्पू सोनार से अदावत के बाद ही कपिल यादव ने अपने अपराध की जमीन मधुसूदनपुर थानाक्षेत्र के भतोड़िया में खड़ा किया.
कभी कपिल के तेरे नाम गिरोह की थी दहशत. कभी भागलपुर व बांका जिले में कपिल यादव के ‘तेरे नाम’ गिरोह का दहशत था. माना जाता है कि 2010 के दशक में उभरे इस गिरोह को पप्पू साह उर्फ पप्पू सोनार ने आर्थिक प्रश्रय दिया था.
साल 2015 में पप्पू सोनार कपिल यादव की हरकतों से आजिज होकर तेरे नाम गिरोह से अपना नाता तोड़ लिया. यह कपिल को बर्दाश्त नहीं हुआ और पप्पू सोनार के जान के पीछे ही पड़ गया. 14 दिसंबर 2015 की रात एमपी द्विवेदी रोड पर कपिल ने अपने स्टैंड किरानी दोस्त पंकज यादव आदि के सहयोग से पप्पू सोनार पर गोली व बम से हमला किया था. हमले में पप्पू सोनार बाल-बाल बच गया. माना जाता है कि इसके बाद पप्पू व रोहित ने मिलकर कपिल के दोस्त स्टैंड किरानी पंकज यादव की हत्या कर दी थी, बावजूद कपिल उसके हाथ नहीं लगा. कपिल को शहरी इलाके में जब शूटरों ने ढूंढना शुरू किया, तो वह भतौड़िया इलाके में रहने लगा था.
सबौर में संतोष पासवान की हत्या और बरारी के सुरखीकल में हुई संजीव साह की हत्या के बाद से कपिल यादव खुद को शहरी इलाके में असुरक्षित महसूस करने लगा था. पुलिस मुठभेड़ में कपिल यादव का राइट हैंड अमित पांडेय जा चुका था. इसके बाद तेरे नाम गिरोह के अभिन्न सहयोगी रहे मुकेश बाबा, सुनील यादव, बुचकुन घोष, पप्पू साह, डीके समेत दो दर्जन सहयोगियाें ने अपना किनारा कर लिया. कपिल का तेरे नाम गिरोह दिन ब दिन कमजोर होता चला गया. पुलिसिया पूछताछ में कपिल यादव ने स्वीकार किया था कि तेरे नाम गिरोह के टूट से उसकी आमदनी खत्म हो गयी थी. यहां तक उसके पास इतना पैसा भी नहीं बचा था कि वह सरेंडर कर सके.
एक लाख का इनामी रह चुका है कपिल यादव
कुख्यात अपराधी कपिल यादव फिर से भागलपुर पुलिस के लिए सिरदर्द बनने लगा है. भतोड़िया में जमीन कारोबारी सुधीर चौधरी पर फायरिंग मामले में कपिल यादव का नाम आया था. करीब डेढ़ दशक पहले पूरे शहर में कपिल यादव और गिरोह का वर्चस्व था. 2004 में हुई दो चर्चित हत्या में कपिल की संलिप्तता मिली थी. एसएम कॉलेज रोड में एलआइसी एजेंट सुनील मिश्र की गोली मार कर हत्या कर दी गयी और उनसे साढ़े सात लाख रुपये लूट लिया गया था.
इस घटना से पूर्व अपराधियों ने गुरुद्वारा रोड में डॉ अरुण शर्मा की गोली मार कर हत्या कर दी थी. इन दोनों हत्याओं में कपिल यादव का नाम आया था. उस समय तत्कालीन एसएसपी रविंद्रन शंकरन ने कपिल यादव पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. बरारी इलाके में अपराध की दुनिया का कपिल आका है. उसी की छत्र छाया में अभय यादव, श्रवण यादव, नकुल यादव जैसे अपराधी पनपे.
चला संयुक्त ऑपरेशन
कुख्यात अपराधी कपिल यादव डीआइयू व पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में गिरफ्तार हो गया है. उसके विरुद्ध विभिन्न थानों में दर्ज मामलों का संकलन किया जा रहा है. तब ही उसके बारे में पूर्ण विवरण दिया जा सकेगा.
मनोज कुमार, एसएसपी
कपिल यादव के खिलाफ कुछ बड़े मुकदमे
1999 में सैंडिस कंपाउंड में गोली मारकर की गयी हत्या.
2004 में एलआइसी एजेंट की हत्या व साढ़े सात लाख रुपये की लूट
2004 में गुरुद्वारा रोड में डॉ अरुण शर्मा की गोली मारकर हत्या.
2014 में मधुसूदनपुर थानाक्षेत्र के भतोड़िया में जमीन कारोबारी सुधीर चौधरी काे गोली मार हत्या का प्रयास
14 दिसंबर 2015 की रात एमपी द्विवेदी रोड में पप्पू सोनार पर गोली व बम से हमला.
20 नवंबर 2017 में नर्स अंजनी कुमारी की गोली मारकर हत्या
दिसंबर में एलआइसी कर्मी आशीष पासवान की हत्या की सुपारी कपिल यादव ने ही ली थी. यह भागलपुर व बांका जिले का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल है. अब से करीब दो साल पहले इसने पुलिस के समक्ष खुद स्वीकार किया था कि वह भागलपुर, बांका व मुंगेर जिले के करीब 17 मामले में संलिप्त था.
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