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बैंकों को पांच-10 ही चाहिए, एक-दो के नहीं

भागलपुर: अफवाहों के बीच बैंककर्मी भी एक और दो रुपये के सिक्के नहीं ले रहे हैं. व्यापारी, कारोबारी सहित आम लोग परेशान हैं. बैंकों ने साफ कर दिया है कि हर व्यक्ति से केवल एक हजार रुपये तक के ही सिक्के जमा ले सकते हैं, उसमें भी 10 और पांच रुपये के सिक्के होने जरूरी […]

भागलपुर: अफवाहों के बीच बैंककर्मी भी एक और दो रुपये के सिक्के नहीं ले रहे हैं. व्यापारी, कारोबारी सहित आम लोग परेशान हैं. बैंकों ने साफ कर दिया है कि हर व्यक्ति से केवल एक हजार रुपये तक के ही सिक्के जमा ले सकते हैं, उसमें भी 10 और पांच रुपये के सिक्के होने जरूरी हैं. एक और दो रुपये के सिक्के बैंक लेने के लिए तैयार नहीं हैं.

आरबीआइ ने जो निर्देश जारी किया है, उसमें बैंकों को सिक्के लेना अनिवार्य है, मगर बैंक इस निर्देश से कोई इत्तफाक नहीं रखता है. पहले तो बैंक 10 रुपये के भी सिक्के को लेने से इंकार करते थे. शिकायत जब आरबीआइ तक पहुंची, तो सिक्कों को लेना शुरू किया है. मगर, अब एक और दो रुपये के सिक्कों को लेकर पेच फंसा है.

ऐसे परेशान है कारोबारी
कारोबारी मनोज ने बताया कि वह बीते चार दिनों से बैंक का चक्कर काट रहे हैं. फिर भी अधिकारी उसे यह कह कर लौटा रहे हैं कि यह सिक्के बाजार में चलाने के लिए हैं, जबकि उसने बैंक अधिकारियों को बताया कि छोटा कारोबारी है और अब तक ढेरों सिक्के ले चुका है. जो भी सप्ताह भर की कमाई होती है, बैंक में जमा करते हैं. बैंक अधिकारियों ने उसकी एक न सुनी.
सिक्के के लेनदेन पर बैंक अधिकारियों ने कब-कब क्या कहा
18 जून 2017 : एक रुपये के सिक्का का चलन में है. लोग अफवाह पर ध्यान न दें. बैंक एक व दो रुपये का सिक्का ले रहा है.
विनय कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, एसबीआइ, भागलपुर
02 नवंबर 2016 : 10 रुपये के सिक्कों के नकली होने या नहीं चलने का कहीं कोई मामला नहीं है. कुछ जगह बाजारों में अफवाह है कि 10 के सिक्के नहीं चल रहे हैं. पर, यह सही नहीं है. आरबीआइ मुख्यालय से ऐसा कोई निर्देश नहीं है. जल्दी ही इस मामले में मीडिया के जरिये भी संवाद होगा, ताकि कहीं कोई भ्रम न रहे.
एमके वर्मा, क्षेत्रीय निदेशक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(बिहार-झारखंड)
21 जनवरी 2017 : बैंकों को सिक्का लिमिट में लेना है. 10 हजार के डिपोजिट पर 100 रुपये जमा करा सकते हैं. बैंक नोट रेसियो से सिक्का लेता है. अगर कोई डिपोजिट सिक्के से ही करना चाहता है, तो बैंक को गिनती करने में परेशानी होगी. बैंकों में नोट गिनने वाली मशीन है, वैसे सिक्के गिनने वाली मशीन उनके पास उपलब्ध नहीं है. इस कारण बड़ी संख्या में छोटे सिक्के को गिनना एक बड़ी समस्या बन जाती है. नोट रेसियो से अगर कोई बैंक सिक्का स्वीकार नहीं करता है, तो इसकी शिकायत कर सकते हैं. ग्राहकों की शिकायत पर मैं संबंधित शाखाओं से इसके बारे में विस्तृत जानकारी लूंगा और जरूरत पड़ी तो आरबीआइ के अधिकारियों से भी बात करूंगा. समस्या दिखी, तो जल्द उसका निदान निकाला जायेगा.
प्रकाश पांडेय, अग्रणी बैंक जिला प्रबंधक, भागलपुर
07 अक्तूबर 2017: आरबीआइ की जो गाइडलाइन है, उसका पालन किया जा रहा है. निश्चित तौर पर सिक्कों को गिनने में परेशानी है, लेकिन इसके बावजूद सिक्के लिये जा रहे हैं. सिक्का लेने का भी रेशियो हैं. अगर कोई चाहेगा कि हजार रुपये का सिक्का ले जाकर बैंक में जमा करेंगे, तो यह संभव नहीं होगा. नोट के रेशियो पर सिक्कों लिये जायेंगे. सिक्कों में धातु की कमी इसलिए कर दी गयी है, ताकि सिक्कों को गला कर कोई पैसें नहीं कमा सके. इसके कारण बंद होने का अफवाह फैली है और लोगों के पास सिक्के जमा हुए हैं. फिर भी बैंकर्स के साथ मीटिंग करेंगे और इसका अगर कोई निदान होगा, तो निकाला जायेगा. ताकि, बाजार में सिक्कों की मांग फिर से बढ़ सके.
प्रकाश पांडेय, अग्रणी बैंक जिला प्रबंधक, भागलपुर
बाजार हो या कोई सवारी गाड़ी हर जगह सिक्के का प्रचलन बढ़ गया है. सिक्का लेन-देन में दिक्कत हो रही है. सबसे बड़ी परेशानी सिक्का रखने व ले जाने की है. कम पैसे के लिए भी सिक्का अधिक हो जाता है.
रंजन चौधरी
बैंक सिक्का जमा नहीं लेता है. सिक्का देने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. सिक्का को गिनकर देने में समय बर्बाद होता है. सिक्का की संख्या सरकार ने इतनी बढ़ा दी कि हर लोगों की परेशानी बन गयी है.
दिवाकर भगत

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