भागलपुर : भागलपुर के कई पूर्व डीएम के हस्ताक्षर से नजारत शाखा की राशि की बैंक खाते से निकासी हुई है. लेकिन पूर्व जिलाधिकारियों का हस्ताक्षर असली है या फर्जी, अभी तक इसका खुलासा नहीं हुआ है. अवैध तरीके से बैंक खाते से राशि की निकासी को लेकर तिलकामांझी थाने में दर्ज प्राथमिकी में यह उल्लेख किया गया है कि अमुक जिलाधिकारी का हस्ताक्षर फर्जी प्रतीत होता है.
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सृजन का फर्जीवाड़ा पूर्व डीएम का हस्ताक्षर असली या फर्जी!
भागलपुर : भागलपुर के कई पूर्व डीएम के हस्ताक्षर से नजारत शाखा की राशि की बैंक खाते से निकासी हुई है. लेकिन पूर्व जिलाधिकारियों का हस्ताक्षर असली है या फर्जी, अभी तक इसका खुलासा नहीं हुआ है. अवैध तरीके से बैंक खाते से राशि की निकासी को लेकर तिलकामांझी थाने में दर्ज प्राथमिकी में यह […]
यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा गया है कि हस्ताक्षर फर्जी ही है. हालांकि सीबीआइ जांच से सब कुछ स्पष्ट होने की उम्मीद की जा रही है. नजारत शाखा की राशि की अवैध रूप से निकासी मामले की प्राथमिकी गत 10 अगस्त को दर्ज की गयी थी. बैंक ऑफ बड़ौदा स्थित खाते में 2.9.11 को चेक द्वारा 20 करोड़ सृजन को हस्तांतरित किया गया. जिस सीरीज के चेक से यह राशि हस्तांतरित हुई है, वह कार्यालय को प्राप्त नहीं है. चेक पर हस्ताक्षर तत्कालीन जिलाधिकारी नर्मदेश्वर लाल का है, जिसके बारे में कहा गया है कि चेक पर अंकित हस्ताक्षर और कार्यालय की पंजियों पर हस्ताक्षर मिलान करने पर प्रथम दृष्टया फर्जी प्रतीत होता है.
इसी प्रकार बैंक ऑफ बड़ौदा के खाता संख्या 10010100003622 जिलाधिकारी के पद नाम से 23.1.2007 को खोला गया था. इस खाते से भी राशि की फर्जी तरीके से निकासी की गयी है. इसमें अलग-अलग चेक पर तत्कालीन जिलाधिकारी संतोष कुमार मल्ल और विपिन कुमार के हस्ताक्षर मिले हैं. इसके बारे में भी उल्लेख किया गया है कि चेक पर किये गये तत्कालीन जिलाधिकारी के हस्ताक्षर का कार्यालय की पंजियों पर अंकित हस्ताक्षर से मिलान किया गया, जो फर्जी प्रतीत होता है.
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