आगे के सत्र में नामांकन करानेवाले छात्रों के सामने अब परेशानी खड़ी हो गयी है. कॉलेज की मान्यता को लेकर लॉ के छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार किया था. बहिष्कार परीक्षा लेने के लिए टीएमबीयू ने राजभवन से अनुमति मांगी थी. राजभवन से कोई निर्देश विवि को प्राप्त नहीं हुअा है. ऐसे में छात्रों की मुश्किलें बढ़ गयी है. दोनों मामलों को लेकर लॉ के छात्र गोलबंद होने लगे हैं.
छात्र नेता सौरभ कुमार झा, रवि कुशवाहा, विकास यादव ने बताया कि लॉ कॉलेज को सत्र 2017 तक के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता मिली है. इसकी जानकारी सिर्फ छात्रों को दी गयी है. छात्रों को कोई कागजात नहीं दिखाया गया है. सत्र 2018 के लिए बीसीआइ से मान्यता अबतक नहीं मिल पायी है. नये छात्र कानूनी पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं. विवि व कॉलेज प्रशासन द्वारा मान्यता के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है.कॉलेज की मान्यता को लेकर दो सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने परीक्षा का बहिष्कार किया था. विवि की लेटलतीफी से राजभवन से परीक्षा को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है.
विवि प्रशासन के अधिकारी को पता लगाना चाहिए कि राजभवन में परीक्षा को लेकर मामला कहां अटका है. छात्रों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए विवि के अधिकारी व छात्रों के बीच समझौता हुआ था कि कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए हर संभव कोशिश की जायेगी, लेकिन अधिकारी समझौता के वादा को भूल गये. ऐसे में लॉ के छात्र आंदोलन करेंगे.