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एनएच को देना होगा बचे पैसों का हिसाब भू-अर्जन पदाधिकारी ने मांगी िरपोर्ट

भागलपुर : करोड़ों का सृजन घोटाला उजागर होने के बाद पथ निर्माण और एनएच दोनों विभाग सक्रिय हुआ है. जमीन अधिग्रहण के लिए कोषागार से राशि की निकासी का उचित उपयोग हुआ या नहीं, इसकी पड़ताल शुरू कर दी है. कौन सी सड़क व पुल-पुलिया के एप्रोच रोड के लिए कहां कितनी जमीन अधिग्रहण हुई, […]

भागलपुर : करोड़ों का सृजन घोटाला उजागर होने के बाद पथ निर्माण और एनएच दोनों विभाग सक्रिय हुआ है. जमीन अधिग्रहण के लिए कोषागार से राशि की निकासी का उचित उपयोग हुआ या नहीं, इसकी पड़ताल शुरू कर दी है. कौन सी सड़क व पुल-पुलिया के एप्रोच रोड के लिए कहां कितनी जमीन अधिग्रहण हुई, इस पर कितनी राशि खर्च हुई, कितनी बची है और कोषागार में कितना उपलब्ध है, इसकी खोजबीन की जा रही है.

प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा के निर्देश के आलोक में दोनों विभाग ने भागलपुर और मुंगेर के भू-अर्जन विभाग से अभी तक की स्थिति की रिपोर्ट तलब की है. इसको लेकर भू-अर्जन विभाग को प्रारूप उपलब्ध कराया गया है. यानी, भू-अर्जन विभाग को जमीन अधिग्रहण को लेकर वित्तीय वर्ष, कार्य का नाम, विपत्र संख्या, निकासी की गयी राशि, डीएलएओ को स्थानांतरित राशि, खर्च की गयी राशि, बाकी राशि कहां है, उसका विवरण व सत्यापन किस स्तर से की गयी है,

इसकी पूरी रिपोर्ट हर हाल में सात सितंबर से पहले देनी होगी. एनएच विभाग के अधिकारी ने बताया कि भू-अर्जन विभाग से अभी तक की स्थिति की रिपोर्ट सात सितंबर को मुख्यालय भेजा जायेगा. इस रिपोर्ट को लेकर वीडियो कांफ्रेंस होना है. वीडियो कांफ्रेंसिंग आठ सितंबर को निर्धारित है.

उन्होंने बताया कि पथ निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण के लिए भू-अर्जन किया जाता है. जिला भू-अर्जन कार्यालय के आकलन के आधार पर अधिसूचना के अनुसार विभाग द्वारा राशि आवंटित की जाती है. राशि को कोषागार से निकासी करके कार्यपालक अभियंता के स्तर से जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को स्थानांतरित किया जाता है. घोटाले के मद्देनजर भू-अर्जन कार्य के लिए विभाग के माध्यम से निकासी होकर जो भी राशि भू-अर्जन कार्यालय को स्थानांतरित हुई, उसके खर्च का ब्योरा, उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं बची राशि के मेंटेनेंस की जानकारी मांगी गयी है.

कोषागार : घोटाले से बचने के लिए रखी जायेगी अब पर्सनल डिपोजिट अकाउंट में राशि

भू-अर्जन मद की राशि अब जिले के कोषागार में पर्सनल डिपोजिट अकाउंट (पीडी अकाउंट)में रखी जायेगी. इस खाते से समय-समय पर उतनी राशि की निकासी की जायेगी, जो खर्च होनी है. इससे गबन की गुंजाइश नहीं रहेगी. इस संबंध में वित्त विभाग के आलोक में प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने भू-अर्जन मद में आवंटित होने वाली राशि के अकाउंट मेंटेनेंस को लेकर पथ निर्माण विभाग को निर्देश दिया है और स्पष्ट किया है कि राशि अब पीडी अकाउंट में रखी जाये.

भागलपुर और मुंगेर के भू-अर्जन विभाग से सात सितंबर से पहले भू-अर्जन से संबंधित रिपोर्ट मांगी गयी है, ताकि स्पष्ट हो सके कि जमीन अधिग्रहण के लिए कोषागार से निकाली गयी राशि का उचित उपयोग हुआ या नहीं. रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जायेगी. आठ सितंबर को विभाग के साथ वीडियो कांफ्रेंस निर्धारित है.

राजकुमार, कार्यपालक अभियंता , एनएच प्रमंडल, भागलपुर

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