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डीसीओ समेत चार गिरफ्तार

सृजन का फर्जीवाड़ा. सुपौल व बांका तक अांच, जद में सहकारिता बैंक भी भागलपुर : सृजन घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध इकाई(इओयू) की टीम लगातार छापामारी कर रही है. इसका दायरा भागलपुर और सहरसा के बाद सुपौल, बांका तक बढ़ गया है. तीन दिन पहले सहरसा में भी राशि गड़बड़ी को लेकर देर रात प्राथमिकी […]

सृजन का फर्जीवाड़ा. सुपौल व बांका तक अांच, जद में सहकारिता बैंक भी

भागलपुर : सृजन घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध इकाई(इओयू) की टीम लगातार छापामारी कर रही है. इसका दायरा भागलपुर और सहरसा के बाद सुपौल, बांका तक बढ़ गया है. तीन दिन पहले सहरसा में भी राशि गड़बड़ी को लेकर देर रात प्राथमिकी दर्ज हुई थी. शनिवार को आर्थिक अपराध इकाई(इओयू) और जिला पुलिस की टीम ने सहकारिता बैंक के चार अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है. जांच टीम ने सहकारिता बैंक के चार और अधिकारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
शनिवार को इओयू की टीम भागलपुर पुलिस के साथ भागलपुर के अलावा सुपौल व बांका भी गयी. सुपौल से वहां के जिला सहकारिता पदाधिकारी पंकज कुमार झा, भागलपुर के सच्चिदानंदनगर कॉलोनी से को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व मैनेजर सुधांशु कुमार दास तथा उपाध्यायजी और बांका से वहां के को-ऑपरेटिव बैंक मैनेजर विजय कुमार गुप्ता को जांच टीम ने संबंधित जिले की पुलिस
डीसीओ समेत चार…
के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया. भागलपुर सहकारिता बैंक की समा परवेज, बुद्धदेव रजक व मिथिलेश कुमार और कहलगांव सहकारिता बैंक की मैनेजर सुनीता कुमारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. शनिवार को एसएसपी आवास में पूछताछ के बाद पंकज कुमार झा को इशाकचक पुलिस और सुधांशु कुमार दास को तिलकामांझी पुलिस थाने ले गयी. हालांकि चारों सहकारिता अधिकारियों की गिरफ्तारी की पुष्टि एसएसपी मनोज कुमार ने नहीं की है. बांका व सुपौल पुलिस ने वहां हुई गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है. भागलपुर को-ऑपरेटिव बैंक में भी जांच-पड़ताल चली. इधर स्वास्थ्य विभाग की 40.75 लाख की राशि सृजन के खाते में ट्रांसफर मामले में सीएस कार्यालय में तैनात लिपिक रोकड़पाल जीतेंद्र मंडल को निलंबित कर दिया गया है.
बता दें कि सहकारिता विभाग के 48 करोड़ 75 हजार रुपये का घोटाला हुआ था. सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के बैंक ऑफ बड़ौदा स्थित खाते से घोटाला किये जाने का मामला थाने में दर्ज होने के बाद से जांच की जा रही है.
पंकज के घर से मिले 3.12 लाख
सुपौल के वर्तमान जिला सहकारिता पदाधिकारी पंकज कुमार झा पूर्व में भागलपुर के भी जिला सहकारिता पदाधिकारी रह चुके हैं. सुपौल स्थित आवास से उनकी गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद विभाग में खलबली मच गयी. उनके आवास से पुलिस को 3.12 लाख रुपये मिले. बांका काे-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक विजय कुमार गुप्ता की गिरफ्तारी के समय बांका टाउन थानाध्यक्ष राकेश रंजन भी मौजूद थे. प्रबंधक की गिरफ्तारी की पुष्टि बांका एसपी चंदन कुशवाहा ने की. भागलपुर सेंट्रल काे-ऑपरेटिव बैंक के एमडी सुभाष कुमार के निर्देश पर बैंक के स्थापना क्लर्क मिथिलेश कुमार जायसवाल ने आदमपुर थाने में बैंक के 48 करोड़ 75 लाख रुपये के घोटाले का मामला दर्ज कराया था.
सीबीआइ जांच जल्द : एजीएम
बैंक ऑफ बड़ौदा के रीजनल मैनेजर अतुल खरे ने बताया कि सृजन घोटाले की सीबीआइ जांच जल्द शुरू हो जायेगी. सीबीआइ जांच की सिफारिश मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से की थी.
मामले में अब तक 16 लोगों को किया जा चुका है गिरफ्तार
चार लोगों को पूछताछ के लिए लिया गया हिरासत में
स्वास्थ्य विभाग का 40.75 लाख सृजन के खाते में ट्रांसफर होने के मामले में सीएस कार्यालय में तैनात प्रभारी लिपिक रोकड़पाल जीतेंद्र मंडल निलंबित
अमित, प्रिया, विपिन व राजीव को पकड़ने के लिए दो टीमें गठित
पंकज के घर से मिले 3.12 लाख रुपये
ये हुए गिरफ्तार
पंकज कुमार झा : जिला सहकारिता पदाधिकारी, सुपौल
सुधांशु कुमार दास : पूर्व मैनेजर, को-ऑपरेटिव बैंक, भागलपुर
उपाध्यायजी : एकाउंट मैनेजर, को-ऑपरेटिव बैंक
विजय कुमार गुप्ता : मैनेजर, को-ऑपरेटिव बैंक, बांका
इनसे हो रही पूछताछ
समा परवेज, बुद्धदेव रजक व मिथिलेश कुमार : को-ऑपरेटिव बैंक, भागलपुर
सुनीता कुमारी : मैनेजर, को-ऑपरेटिव बैंक, कहलगांव
सृजन के बैंक खाते में सिर्फ 18 करोड़
सहकारिता विभाग की जांच टीम जल्द सौंपेगी अपनी रिपोर्ट
पटना. भागलपुर की बहुचर्चित सृजन घोटाले की प्रारंभिक जांच सहकारिता विभाग कर चुकी है. घोटाला उजागर होने के बाद विभाग ने इस सहकारी संस्था की जांच के लिए जांच टीम गठित की थी.
सृजन के बैंक…
टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी. सूत्रों के अनुसार सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के अपने बैंक खाते में सिर्फ 18 करोड़ रुपये हैं. विभाग ने शशिशेखर सिन्हा के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम का गठन किया था.
सूत्रों के अनुसार जांच टीम ने अपनी जांच में पाया है कि वित्तीय वर्ष 2015- 16 के तहत 31 मार्च 2016 के अंकेक्षण में सृजन के अपने बैंक खाते में 18 करोड़ रुपये हैं. यह राशि समिति के सदस्यों के चंदे की है. सरकार के किसी विभाग का पैसा नहीं है. बताया जाता है कि विभाग ने पूर्व के अंकेक्षण रिपोर्ट की मांग पहले के अंकेक्षक से की है.
दो बैंक खाता रख कर काम करने का आरोप प्रमाणित होने पर समिति पर प्राथमिकी दर्ज करायी जा सकती है. विभाग ने सृजन सहकारी के निबंधन को निलंबित कर दिया है. बताया जाता है कि जल्द ही सृजन सहकारी संस्था के निबंधन को रद्द करने की कार्रवाई होगी.

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