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नये इलाकों में फैला बाढ़ का पानी

जल प्रलय. दरभंगा, कटिहार के शहरी क्षेत्र में घुसा पानी, सीतामढ़ी, सहरसा व गोपालगंज के और गांव चपेट में भागलपुर : उत्तर बिहार और सीमांचल में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. गुरुवार को पश्चिमी चंपारण को भी सेना के हवाले कर दिया गया. किशनगंज, अररिया व पूर्णिया में पानी कम हुआ […]

जल प्रलय. दरभंगा, कटिहार के शहरी क्षेत्र में घुसा पानी, सीतामढ़ी, सहरसा व गोपालगंज के और गांव चपेट में

भागलपुर : उत्तर बिहार और सीमांचल में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. गुरुवार को पश्चिमी चंपारण को भी सेना के हवाले कर दिया गया. किशनगंज, अररिया व पूर्णिया में पानी कम हुआ है, तो सीतामढ़ी, सहरसा व कटिहार के नये इलाकों में पानी घुस गया है. 24 घंटे के दौरान उत्तर बिहार में 23 और सीमांचल में 17 लोगों की मौत पानी में डूबने से हो गयी. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक बाढ़ से 98 लोगों की मौत हो चुकी है. कटिहार के शहरी क्षेत्र बैगना,
छीटाबाड़ी, इसलामपुर, वर्मानगर आदि इलाके सहित कोढ़ा, मनिहारी व मनसाही के नये इलाकों में पानी घुस गया. मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, किशगनंज, कटिहार में बाढ़पीड़ित खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं. बनमनखी-सरसी रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन बाधित हो गया है. नॉर्थ इस्ट से पहले ही संपर्क भंग हो चुका है. राहत नहीं मिलने से अब बाढ़पीड़ितों का गुस्सा बढ़ने लगा है. गुरुवार को फारबिसगंज में राहत शिविर के बाहर एक सरपंच प्रतिनिधि की पीड़ितों ने पिटाई कर दी. गुरुवार को दिन के चार बजे बराज का डिस्चार्ज Âबाकी पेज 15 पर
नये इलाकों में फैला…
एक लाख 60 हजार 55 क्यूसेक और बराह क्षेत्र का डिस्चार्ज एक लाख 19 हजार 250 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया है.
सहरसा में पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंध के बीच नवहट्टा, महिषी, सिमरी बख्तियारपुर व सलखुआ के बाद अब सौरबाजार, सोनवर्षा व पतरघट में बाढ़ का पानी फैल रहा है, जहां लगभग एक लाख लोग प्रभावित हैं. लोग लगातार ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं. जिले में बाढ़ के पानी में डूब कर मरने वालों की संख्या बारह को पार कर गयी है. सलखुआ के प्रखंड मुख्यालय सहित बोहरवा एवं चिड़ैया व महिषी के मनोवर में
प्रशासन की ओर से राहत शिविर लगाया गया है. बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम भी बुलायी गयी है. बनमनखी-सरसी रेल खंड पर ट्रेन का परिचालन बाधित हो गया है. इसके कारण सहरसा से सियालदह जाने वाली हाटेबजारे एक्सप्रेस को 20 अगस्त तक रद्द कर दिया गया है. इसके अलावा पटना से पूर्णिया जाने वाली कोसी एक्सप्रेस बनमनखी तक ही जायेगी.
तिलयुगा और खारो बौरायी
सुपौल में कोसी कहर के बीच बारिश के कारण निर्मली की दो नदियां तिलयुगा और खारो ने अपनी उफनती धारा से निर्मली अनुमंडल क्षेत्र के अधिकांश भागों को जलमग्न कर दिया है. कोसी फिलहाल शांत है, लेकिन तिलयुगा और खारो नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है. जिले के सात प्रखंड बाढ़ से प्रभावित है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
पूर्णिया के बाढ़ प्रभावित बायसी अनुमंडल में जल स्तर कम हो रहा है, लेकिन लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. बायसी और बैसा के बीच फकीर टोला पुल भी ध्वस्त हो गया है. उधर परमान नदी पर बना चर्चित पलसा घाट पुल की एक तरफ कटान तेज हो गया है. अमौर क्षेत्र के नोडल पदाधिकारी सह वरीय उप समाहर्ता जहांगीर आलम ने बताया कि प्रशासनिक तौर पर राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया गया है. क्षेत्र में कम्युनिटी किचन चलाया जा रहा है. राहत शिविरों में भी पका-पकाया भोजन दिया जा रहा है.
कटिहार जिले में बाढ़ से हो रही तबाही रुकने का नाम नहीं ले रही है. गुरुवार को कटिहार शहरी क्षेत्र सहित दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गया है. बाढ़ आने के पांचवें दिन भी बाढ़ का कहर कम नहीं हो रहा है. अब तक 12 प्रखंड के 15 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है, जबकि एक लाख से अधिक आबादी विस्थापित हो गयी है. बाढ़ से अबतक एक दर्जन लोगों की मृत्यु होने की सूचना है. हालांकि, प्रशासन ने सात लोगों की मौत की पुष्टि की है. शहर के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जबकि कोढ़ा, मनिहारी, हसनगंज, मनसाही के कई नये क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इससे लोग त्राहिमाम कर रहे हैं
मधेपुरा जिले के आलमनगर में दो तथा चौसा में एक की मौत हो गयी. मुरलीगंज, कुमारखंड, चौसा, आलमनगर, उदाकिशुनगंज, ग्वालपाड़ा व मधेपुरा प्रखंड के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. लोग जहां-तहां शरण लिये हुए हैं.
अररिया जिले में आयी बाढ़ का पानी कमोबेश अब ऊंचे स्थानों से निकल चुका है,पर निचले इलाकों में अब भी पानी जमा है. गुरुवार को पलासी में एक, मदनपुर में एक व रानीगंज में दो की मौत होने की खबर है. बाढ़ पीड़ित अपने गुमशुदा परिजनों की तलाश में जुट गये हैं. जगह-जगह पर अब राहत सहाय को ले बाढ़पीड़ित आक्रोश में आकर सड़क जाम कर प्रदर्शन करने लगे हैं. फारबिसगंज में राहत शिविर के बाहर आक्रोशित बाढ़पीड़ितों ने एक सरपंच प्रतिनिधि की पिटाई कर दी.
किशनगंज में पानी तो कमा है, लेकिन बाढ़ के कारण आवागमन व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गयी है. जिला मुख्यालय से कोचाधामन, बहादुरगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ और पोठिया से संपर्क पूरी तरह भंग है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत शिविर चलाने का प्रशासन दावा, तो कर रहा है, लेकिन यह कम है. ऐसे में बाढ़पीड़ितों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
पश्चिमी चंपारण बेतिया के 11 प्रखंडों की 12 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में है. 150 गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है. नरकटियागंज में ट्रैक पर पानी चढ़ने से कई ट्रेनों का रुट बदला दिया गया है, जबकि एक ट्रेन रद्द है. गंडक बराज से 3.75 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से वीटीआर के जंगल जलमग्न हो गया है. बगहा एसपी के कार्यालय में अब भी बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. पूर्वी चंपारण में गुरुवार को बाढ़ से तीन की मौत हो गयी, जबकि चार लोग लापता है. लालबकेया नदी का तटबंध तीन जगहों पर टूट गया. बैरगनिया-कुंडवाचैनपुर के बीच तीन किमी रेलमार्ग क्षतिग्रस्त होने से घोड़ासहन-सीतामढ़ी रेलखंड पर परिचालन ठप है. ढाका, पताही, आदापुर, रामगढ़वा के गावों में भारी तबाही है. सीतामढ़ी में एक मासूम समेत पांच लोग बाढ़ के पानी में बह गये, जबकि दीवार गिरने से दो सगी बहनों की मौत हो गयी. चोरौत में धौंस नदी व मेजरगंज में बागमती व लखनदेई नदी का बांध टूट गया. परिहार, मेजरगंज, सुरसंड, बथनाहा, सुप्पी, बेलसंड, बथनाहा,
सोनबरसा व बैरगनिया में बाढ़ सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है. सोनबरसा व सुरसंड में एसएसबी कैंप व थाने में पानी घुसा हुआ है. सीतामढी-सुरसंड-बथनाहा हाइवे, सोनबरसा-नेपाल, मेजरगंज-नेपाल, सुप्पी-बैरगनिया व बैरगनिया-नेपाल सड़क पर कई स्थानों पर आठ फुट पानी बह रहा है. सीतामढ़ी-रक्सौल रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद है. मधुबनी में कोसी,कमला, भूतही बलान नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. लदनियां-जयनगर सड़क मार्ग बंदझंझारपुर में रेल सह सड़क पुल पर पानी चढ़ा है. परतापुर के पास तटबंध में रिसाव होने लगा है.
गंडक में आयी बाढ़ से एनएच 28 बंद
गोपालगंज. गंडक नदी में आयी बाढ़ का कहर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. सारण मुख्य तटबंध के सदौवा में टूटने के कारण गुरुवार को बाढ़ का पानी एनएच 28 पर ओवरफ्लो कर गया. डीएम राहुल कुमार ने हाइवे पर परिचालन पर रोक लगा दी है. 174 गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. असम जानेवाला मुख्य हाइवे बंद होने से पूर्वोत्तर राज्यों का सड़क संपर्क कट गया है. बाढ़ के पानी में Âबाकी पेज 15 पर
गंडक में आयी बाढ़ से एनएच…
बह जाने से चार लोगों की मौत हो चुकी है. नदी की धारा हाइवे की तरफ से बहने से सीवान और छपरा में भी बाढ़ की आशंका प्रबल होती जा रही है. बाढ़ की तेज धार में सदौवा गांव का विकास कुमार बह गया. इधर, हलुआर पिपरा गांव के सूरज कुमार सिंह के तीन वर्षीय बेटे भूटी कुमार की मौत घर में पानी घुसने के कारण डूबने से हो गयी.
वहीं, बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के सोनवलिसया गांव के कंचन कुमार (17 वर्ष) व बरौली थाने के बतरदेह गांव के दीपू कुमार की मौत डूबने से हाे गयी. हालांकि मौत की पुष्टि प्रशासन की तरफ से अब तक नहीं की गयी है.
सीवान जिले के पांच प्रखंडों के लोग गोपालगंज में आयी बाढ़ के कारण दहशत में हैं. अगर इसी तरह पानी बढ़ने का सिलसिला जारी रहा, तो 24 घंटे के अंदर लकड़ीनबीगंज व गोरेयाकोठी प्रखंड के दर्जन भर गांव जलमग्न हो सकते हैं. लोग अभी से बाढ़ आने की आशंका को लेकर आगे की तैयारी में जुट गये हैं. इसके अलावा बड़हरिया, बसंतपुर, भगवानपुर प्रखंड क्षेत्रों के भी गांव इस बाढ़ के पानी से प्रभावित हो सकते हैं. यह सब प्रखंड गोपालगंज जिले से सटे हुए इलाके हैं.
बाढ़ का पानी एनएच 28 पार कर गया है. यह सब पानी रिंग बांध टूटने के कारण फैल रहा है. यह बांध सदउआ और परसौनी के समीप कटा हुआ. अभी दोनों बांधों को बांधने के लिए कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. अगर इसी तरह पानी बढ़ता गया, तो जल्दी ही इस इलाके में भी पानी प्रवेश कर जायेगा. इसके पूर्व में भी कई बार बाढ़ का पानी इन क्षेत्रों में गोपालगंज जिले के रास्ते प्रवेश कर चुका है और एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए थे. जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने सीमावर्ती प्रखंड प्रशासन को अावश्यक निर्देश जारी किया है.
सारण के पांच प्रखंडों में घुसा पानी
छपरा : गंडक नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण सारण जिले के पांच प्रखंडों की 25 हजार से ज्यादा आबादी बाढ़ से पीड़ित है. मकेर में गंडक नदी के तटीय गांव लगुनिया, बाढ़ीचक, नवकाढ़ा, हैजलपुर, दादनपुर, ठहरा, मसुरिया, हसनपुरा में घरों में पानी प्रवेश कर गया. अचानक बाढ़ आने से ग्रामीणों में अफरातफरी मच गयी. लगुनिया, हैजलपुर, नवकाढा जाने वाली सड़क पर पानी आने से आवागमन बंद हो गया है.
दरियापुर में बाढ़ से प्रभावित गांवों में परसौना, परसादी, ईदिलपुर, बारवें, कोन्हवां, दरिहारा, सरैया, मनपुरा आदि गांव शामिल हैं. गंडक नदी में लगातार पानी में हो रहे वृद्धि से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ हैं. तरैया के माधोपुर पंचायत के सगुनी, माधोपुर बड़ा, बनिया हसनपुर, जिमदाहा, अरदेवा, राजवारा गांवों के लगभग 300 परिवारों तथा चंचलिया पंचायत के बिंदटोली व दियारा के लगभग 200 परिवारों ने सारण तटबंध पर पनाह ली है. तरैया के 12 गांवों में तीन हजार एकड़ में लगी धान व ईख की फसल डूब गयी है. वहीं अमनौर व पानापुर के निचले इलाकों में भी पानी प्रवेश कर गया है.
जब तक बाढ़पीड़ित शिविरों में रहेंगे मिलेंगी सुविधाएं
पटना : आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि बाढ़ग्रस्त जिलों में जब तक पीड़ित परिवार शिविरों में रहेंगे, तब तक उन्हें सुविधाएं मिलती रहेंगी. पंचायतों में शिविर लगा कर फूड पैकेट का वितरण होगा. साथ ही ड्राइ फूड पैकेट भी रहेगा. पीड़ित परिवारों के बीच बंटनेवाले फूड पैकेट में पांच किलो चावल, एक किलो दाल, दो किलो आलू, नमक, हल्दी रहेगा. ड्राइ फूड में ढाई किलो चूड़ा व गूड़ या चीनी रहेगा. पीड़ित क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चों पर विशेष ध्यान है. बेतिया में गोनहा, सिकटा व बगहा में भी हवाई ड्रॉप से फूड पैकेट गिराये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोसी आपदा में बेहतर काम करनेवाले अधिकारी, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनका सहयोग लिया जा रहा है.

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