भागलपुर : बालश्रम सामाजिक व आर्थिक समस्या है. बाल श्रमिकों का वास्तविक पुनर्वास करने की दिशा में श्रम संसाधन विभाग प्रयासरत है. बाल श्रमिकों की प्रोफाइल बनायी जा रही है, जिसमें परिवार की समस्त जानकारी रहेगी. प्रोफाइल के आधार पर विभाग परिवार को सरकार की योजनाओं से जोड़ कर उन्हें सहायता प्रदान करेगा, ताकि परिवार […]
भागलपुर : बालश्रम सामाजिक व आर्थिक समस्या है. बाल श्रमिकों का वास्तविक पुनर्वास करने की दिशा में श्रम संसाधन विभाग प्रयासरत है. बाल श्रमिकों की प्रोफाइल बनायी जा रही है, जिसमें परिवार की समस्त जानकारी रहेगी. प्रोफाइल के आधार पर विभाग परिवार को सरकार की योजनाओं से जोड़ कर उन्हें सहायता प्रदान करेगा, ताकि परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. फिलहाल, बालश्रम से छुड़ाये गये 15 बाल श्रमिकों को पुनर्वास किया गया है, जिसको 25-25 हजार रुपये दिया गया है.
श्रम संसाधन विभाग ने कुल 3.75 लाख रुपये मुक्त बाल श्रमिकों के नाम के बैंक अकाउंट में जमा कराया है. बाकी के बालश्रम से मुक्त 20 बाल श्रमिकों के नाम का बैंक में अकाउंट खुलवाया जा रहा है और जल्द ही उसके खाते में कुल पांच लाख रुपये जमा करेगा. इस राशि से मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों के मन में आत्मविश्वास जगेगा. हाल के दिनों में यह योजना आयी है, जिसके तहत हर मुक्त बाल श्रमिकों को 25 हजार रुपये मिलने हैं. यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलेगी. मुक्त बाल श्रमिकों के नाम के बैंक एकाउंट में राशि जमा करायी जायेगी. श्रम संसाधन विभाग ने साल 2014 से अभी तक 70 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है, जिसमें मुक्त 26 बाल श्रमिक दूसरे जिले के थे. शेष 44 बच्चों में 35 बाल श्रमिकों को चिह्नित किया है.
बालश्रम के खिलाफ बन रहा स्वच्छ वातावरण. वैसे तो बालश्रम के लिए कानून है. बच्चों से काम लेना यहां तक कि घरेलू काम लेना भी गुनाह है और इसके लिए सजा का प्रावधान है. फिर भी बच्चों को काम पर लगाया जाता है. हाल के दिनों में लोगों में जागृति आयी है. बालश्रम के खिलाफ स्वच्छ वातावरण बन रहा है. बालश्रम के मुख्य शिकार बच्चे कमजोर तबके व अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब परिवार के होते हैं. मुक्त बाल श्रमिकों को पुनर्वास की योजना है.
बाल श्रमिकों का वास्तविक पुनर्वास करने की दिशा में श्रम संसाधन विभाग प्रयासरत है. बाल श्रमिकों की प्रोफाइल बनायी जा रही है. मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों को पुनर्वास किया जा रहा है. मुक्त 15 बाल श्रमिकों को पुनर्वास किया गया है. उसके बैंक खाते में 25-25 हजार रुपये जमा कराया गया है. मुक्त 20 बाल श्रमिकों के खाते में जल्द राशि जमा करायी जायेगी. यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जा रही है. मुक्त बाल श्रमिकों को पुनर्वासित कराने के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी दी गयी है.
सुधांशु शेखर, सहायक श्रमायुक्त, श्रम संसाधन विभाग, भागलपुर
दो साल की कैद, 50 हजार जुर्माना का प्रावधान
14 साल से कम उम्र के बच्चे से काम करानेवाले व्यक्ति को दो साल तक की कैद की सजा और उस पर 50 हजार रुपये का अधिकतम जुर्माना लगाने का प्रावधान है. स्कूल से बाद के समय में अपने परिवार की मदद करनेवाले बच्चे को इस कानून के दायरे में नहीं रखा गया है.
बाल मजदूरी रोकने के उपाय
- गरीबी को कम करना पड़ेगा. बाल मजदूरी का मुख्य कारण गरीबी है.
- शिक्षा का प्रसार प्रचार हो. अशिक्षित व्यक्ति बाल मजदूरी को नहीं समझता है.
- बेरोजगारी खत्म करना या इस पर लगाम लगाया जाये. बेरोजगारी के चलते ही लोग अपने परिवार का खर्चा नहीं चला पाते हैं, जिस कारण वह अपने बच्चों से बाल मजदूरी करवाते हैं.
- कड़ा कानून, सस्ती मजदूरी के चक्कर में बच्चों से काम करवानेवाले दुकानदारों, मिल मालिकों को कड़ी सजा हो सके.