कहलगांव : शहर के आरओबी-127 (उल्टा पुल) को तोड़ने के पश्चात अनुमंडल प्रशासन द्वारा आवागमन के लिए चिह्नित वैकल्पिक मार्ग काफी खतरनाक है. करीब डेढ किलोमीटर का यह वैकल्पिक मार्ग बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना के गहरा खुला नहर से सटे रहने के कारण यातायात के लिए असुरक्षित है. पुल टूटने से पहले अगर स्थानीय प्रशासन इस वैकल्पिक मार्ग को सुरक्षित व सुगम नहीं बनाता है, तो अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता.
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आरओबी होगा ध्वस्त, वैकल्पिक मार्ग खतरनाक
कहलगांव : शहर के आरओबी-127 (उल्टा पुल) को तोड़ने के पश्चात अनुमंडल प्रशासन द्वारा आवागमन के लिए चिह्नित वैकल्पिक मार्ग काफी खतरनाक है. करीब डेढ किलोमीटर का यह वैकल्पिक मार्ग बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना के गहरा खुला नहर से सटे रहने के कारण यातायात के लिए असुरक्षित है. पुल टूटने से पहले अगर स्थानीय […]
कहलगांव : शहर के आरओबी-127 (उल्टा पुल) को तोड़ने के पश्चात अनुमंडल प्रशासन द्वारा आवागमन के लिए चिह्नित वैकल्पिक मार्ग काफी खतरनाक है. करीब डेढ किलोमीटर का यह वैकल्पिक मार्ग बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना के गहरा खुला नहर से सटे रहने के कारण यातायात के लिए असुरक्षित है. पुल टूटने से पहले अगर स्थानीय प्रशासन इस वैकल्पिक मार्ग को सुरक्षित व सुगम नहीं बनाता है, तो अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता.
प्रति दिन हजारों लोग व सैकड़ों वाहन गुजरेंगे
रेलवे उल्टा पुल के ध्वस्त होने के बाद अनुमंडल, प्रखंड, अनुमंडल अस्पताल, व्यवहार न्यायालय, रजिस्ट्री आॅफिस, साप्ताहिक हाट, एनटीपीसी कहलगांव सहित केंद्रीय विद्यालय, सेंट जोसेफ स्कूल, डीएवी स्कूल के लगमग तीन हजार छात्र-छात्राओं के अलावा दर्जनों पंचायत से आने वाले लोग प्रभावित होंगे. डीएम भागलपुर के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी अरूणाभ चंद्र वर्मा ने इस रेल पुल को शीघ्र तोड़ने की अग्रिम सूचना सरकारी महकमा सहित शहर के जनप्रतिनिधि, नगर व ग्रामीण पंचायत प्रतिनिधि आमजन, राजनीतिक दलों को दी है. अनुमंडल प्रशासन से अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत होते ही रेल प्रशासन उक्त रेलवे ओवर ब्रिज (उल्टा पुल) को ध्वस्त करने की तिथि तय कर देगा.
थोड़ी सी चूक से हो सकता है हादसा
चिह्नित वैकल्पिक मार्ग की दूरी करीब डेढ किमी है, जो शहर स्थित बस स्टेंड से प्रवेश करते हुए प्रखंड परिसर के समीप ब्लाक रोड को स्पर्श करता है. यह पथ बटेश्वर गंगा पंप नहर योजना के मुख्य खुले नहर को छूते गुजरता है .खुले नहर व पथ के बीच बैरिकेडिंग नहीं होने से बदस्तूर वाहनों की आवाजाही खतरनाक साबित हो सकता है. फिलहाल 10-10 कदम पर ढाई फीट के खंभे गाड़े गये हैं, जो नाकाफी है. वाहन चालकों की थोडी सी चूक से बड़े हादसे को टाला नहीं जा सकता है. पंप हाउस फेज -2 के पास खतरनाक ढलान व मोड़ हादसे को आमंत्रण दे सकता है.
सबसे बड़ी समस्या पेयजल
उल्टा पुल तोड़ने के बाद शहरी जलापूर्ति पूरी तरह से ठप हो जायेगी. पीएचइडी के सहायक अभियंता दिलीप चौधरी ने बताया कि उल्टा पुल के टूटने से शहर की जलापूर्ति प्रभावित हो जायेगी. ध्वस्त पुल के सड़क मार्ग से होकर दो पाइप लाइन गुजरी है. जिससे शहर की 50 हजार आबादी को जलापूर्ति की जाती है.
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