भागलपुर : विक्रमशिला महाविहार को बौद्ध सर्किट से जुड़ने में वर्षों लग जायेंगे. उपेक्षा के चलते इसका विकास थम सा गया है. स्थिति यह है कि इसके बौद्ध सर्किट से जुड़ने की बात तो दूर, भारत सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पास इसके बौद्ध सर्किट से जुड़ने की किसी प्रकार की जानकारी उपलब्ध […]
भागलपुर : विक्रमशिला महाविहार को बौद्ध सर्किट से जुड़ने में वर्षों लग जायेंगे. उपेक्षा के चलते इसका विकास थम सा गया है. स्थिति यह है कि इसके बौद्ध सर्किट से जुड़ने की बात तो दूर, भारत सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पास इसके बौद्ध सर्किट से जुड़ने की किसी प्रकार की जानकारी उपलब्ध नहीं है.
बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में विक्रमशिला महाविहार एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा था. आज भी कभी-कभार दुनिया भर से बौद्ध धर्म के अनुयायी यहां आते हैं और पूजा-अर्चना भी करते हैं. विक्रमशिला की खुदाई में बौद्ध धर्म से जुड़ी कई चीजें प्राप्त हुई हैं, जो विक्रमशिला के संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है.
आरटीआइ से खुलासा
आरटीआइ कार्यकर्ता व भागलपुर के रहनेवाले अजीत कुमार सिंह ने भारत सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से विक्रमशिला महाविहार के बौद्ध सर्किट से जुड़ने संबंधी सूचना मांगी थी. इस पर सूचना मिली कि इससे संबंधित कोई भी कोई भी अभिलेख उपलब्ध नहीं है.
विश्व धरोहर की संभावित सूची में प्रस्तावित. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने यह सूचना दी कि विक्रमशिला बौद्ध महाविहार को विश्व धरोहर की संभावित सूची में नाम प्रस्तावित है. इससे एक उम्मीद की जा सकती है कि भले ही बौद्ध सर्किट से इसे जोड़ा न जाये, लेकिन विश्व धरोहर में यह शामिल हो सकता है.