मैनाटाड़ (पचं ): भंगहा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव स्थित ब्रह्मस्थान के पास बाघिन व शावकों के पदचिन्ह देख ग्रामीणों में दहशत का आलम है. बाघ के भय से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. रामपुर निवासी सह रामपुर मुखिया मुन्ना दुवरिया, पंसस वीरेंद्र थापा, अशोक सुब्बा, जयकिशोर सुब्बा, शशिकांत दिसवा, मित्रा फौदार, ध्रुव दिसवा, बिरजू राय, डॉ रुदल दुवरिया, पंकज सुब्बा, रोहित चौधरी, दिनेश सुब्बा, सोनू कुमार आदि ने बताया कि शुक्रवार की सुबह गांव स्थित ब्रह्मस्थान के पास गये तो बाघ का बड़ा और छोटा पदचिन्ह देख दंग रह गये.
ग्रामीणों ने बताया कि पूरी संभावना है कि जंगल से भटककर बाघिन अपने शावकों के साथ रिहायशी इलाके में आ गयी है. पदचिन्ह देखने से पता चल रहा है कि बाघिन अपने शावकों के साथ इधर-उधर ही चहलकदमी कर रही है. ग्रामीणों ने बताया कि बाघिन के भय से हम सभी खेतों की तरफ जाना छोड़ दिये हैं. बाघ के डर से जंगली जानवर नीलगाय व हिरण से भी हम अपनी फसल को नहीं बचा पा रहे हैं. वही मंगुराहा वन क्षेत्र के रेंजर सुनील पाठक ने बताया कि मेरे नेतृत्व में वन कर्मियों के साथ टाइगर के पदचिन्ह की जांच की जा रही है. पद चिन्ह बाघ का ही है नर या मादा है, उसकी भी गहनता से जांच की जा रही है. साथ ही टाइगर की गतिविधि पर वन कर्मियों को लगाया गया है. जानवरों का गंध पाकर बाघ जंगल के समीप निकला होगा. लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने खेतों की तरफ अकेले नहीं जायें. खासकर रात में तो बिल्कुल भी नहीं. दिन में खेतों के तरफ जाना है तो समूह में जायें. जंगल की ओर जाने से बचें. क्योंकि जान-माल की क्षति नहीं होते हुये जंगली जानवर को बचाना भी वन विभाग की अहम् जिम्मेवारी है.
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