छौड़ाही : समाज और चरित्र निर्माण का सशक्त माध्यम विद्यालय है.यूं तो बच्चों की प्रथम पाठशाला उसका परिवार ही कहा जाता है. लेकिन विद्यालय आने के बाद छात्र अनुशासन, संस्कार, सामाजिक, व्यावहारिक और सभी तरह के ज्ञान प्राप्त करते हैं. उपरोक्त बातें ज्ञानोदय के निदेशक अंजेश कुमार ने कहीं. वे विद्यालय परिसर में अभिभावक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने उपस्थित अभिभावकों से कहा कि विद्यालय प्रबंधन आपकी शिकायतों और सुझावों का पूरा पूरा निराकरण करने का प्रयास करेगा. उन्होंने कहा कि विद्यालय के बाद अभिभावकों की जिम्मेदारी बनती है
कि जब बच्चे घर पर हों तो उनका शैक्षणिक मूल्यांकन अवश्य करें . इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ दीनदयाल कुमार ,विशिष्ट अतिथि के तौर पर बीबीएन रोसड़ा के सहायक शिक्षक मुकेश कुमार, शिक्षक प्रवीण कुमार झा, प्रभात प्रसुन आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये. बैठक में उपस्थित कई लोगों ने शैक्षणिक गतिविधि और विकास के बारे में अपने सुझाव व शिकायत भी दर्ज करायी.अभिभावक संगोष्ठी में विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य अजय कुमार ,सहायक शिक्षक रंजीत कुमार, सुधीर कुमार श्रीवास्तव ,राजीव नयन झा, सुजीन कुमार ठाकुर ,चंद्रभूषण महतो, प्रीति कुमारी , प्रियदर्शनी मल्होत्रा आदि मौजूद थे.