आक्रोश. पुलिसिया बर्बरता का शिकार हुए बलिया के मजदूर की मौत
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एनएच 31 को किया घंटों जाम
आक्रोश. पुलिसिया बर्बरता का शिकार हुए बलिया के मजदूर की मौत घटना नागालैंड के डीमापुर थाना क्षेत्र की, परिजनों ने की सीबीआइ जांच की मांग बलिया : बेगूसराय जिला अंतर्गत बलिया थाना क्षेत्र की फतेहपुर पंचायत के बालाचक नवटोलिया निवासी केदार यादव के 38 वर्षीय पुत्र रमेश यादव की पुलिस हाजत में मारपीट के दौरान […]
घटना नागालैंड के डीमापुर थाना क्षेत्र की, परिजनों ने की सीबीआइ जांच की मांग
बलिया : बेगूसराय जिला अंतर्गत बलिया थाना क्षेत्र की फतेहपुर पंचायत के बालाचक नवटोलिया निवासी केदार यादव के 38 वर्षीय पुत्र रमेश यादव की पुलिस हाजत में मारपीट के दौरान हुई मौत को लेकर शनिवार को आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा मृतक के शव के साथ बलिया पावर हाउस के समीप एनएच 31 पर आवागमन घंटों बाधित कर दिया. स्थानीय प्रशासन से इस घटना की सीबीआइ जांच की मांग पर अड़े थे. बलिया एसडीओ ब्रजकिशोर चौधरी,
डीएसपी रंजन कुमार, बीडीओ मनोज पासवान, एसआइ रतन कुमार रतेश ने जाम की सूचना पाकर तुरंत जाम स्थल पर पहुंच कर आक्रोशित लाेगों को शांत कराया. मृतक के भाई उमेश यादव ने बताया कि मेरा भाई रमेश विगत 10-11 वर्षाें से नागालैंड के डीमापुर में रह कर टेंपो चला कर अपने परिवार का भरण- पोषण किया करता था. जिसे दो अगस्त की रात वहां की पुलिस ने पकड़ कर काफी पिटाई की, जिसके कारण मेरे भाई की मौत हाजत में ही हो गयी.
उन्हाेंने बताया कि वहां के पुलिस द्वारा बुधवार की सुबह मेरे परिवार को मोबाइल पर सूचना दी गयी. सूचना मिलते ही घर के लोगों ने आनन-फानन में नागालैंड घटनास्थल पर पहुंचा, तब तक वहां के पुलिस के द्वारा पोस्टमार्टम करा दिया गया था. वहां की पुलिस ने हमें तरजीह नहीं दी. गांव से इतनी दूर गैर प्रदेश में होने के कारण डर से हमलोग लाश लेकर चले आये. बताया जाता है कि नागालैंड पुलिस ने मृतक के साथ अन्य पांच युवकों को गिरफ्तार किया गया था,
जिसमें से तीन लोग किसी तरह छूट कर घर वापस आ गये हैं, जिनमें अजय यादव का इलाज बेगूसराय के निजी क्लिनिक में कराया जा रहा है, वहीं अब भी सदानंदपुर निवासी स्व कृष्णदेव सिंह के पुत्र चंदन सिंह व बालाचक के मनोज यादव पुलिस गिरफ्त में ही फंसा है. ज्ञात हो कि उक्त गांव के सैकड़ों युवक डीमापुर में टेंपो चला कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं परंतु इस घटना के बाद वहां से लोग पलायन करने लगे हैं.
वहां से लौट कर अपने घर वापस आये बालाचक के सिकंदर यादव, आसिर यादव, विवेकानंद यादव, मनीष यादव, फेंकन यादव, संजय यादव, गौरव यादव, नागो साह सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि नागालैंड में बिहारियों का शोषण किया जाता है. वहां के पुलिस द्वारा मारपीट किये जाने से ही मेरे ग्रामीण रमेश यादव की मौत हुई है. बक्से में बंद शव को देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था, वहीं चारों मासूम बच्चे टकटकी निगाहों से बक्से को निहार रहे थे. आखिर इन मासूमों को क्या पता था कि बक्से में बंद लाश मेरे पिता की है. शुक्रवार की रात जब मृतक का शव उसके निवास स्थान बालाचक पहुंचा तो देखनेवालों की भीड़ लग गयी.
: मृतक मेरे गांव का था, जो विगत 10 वर्षाें से नागालैंड में रह कर टेंपो चलाता था. पुलिस द्वारा बर्बरता से पिटाई किये जाने से इसकी मौत हो गयी. वहां के पुलिस की गिरफ्त में फंसे दो युवक चंदन सिंह एवं मनोज यादव की रिहाई के लिए हम माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मृतक के परिजनों को न्याय दिलाने तथा फंसे हुए युवकों की रिहाई के लिए पहल करें.
रामाकांत यादव मुखिया, फतेहपुर पंचायत
: नागालैंड के डीमापुर में पुलिस कार्रवाई में बालाचक के रमेश यादव की मौत की भर्त्सना करते हुए कहा कि इस घटना के बाद वहां के बिहारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है. वहां मजदूरी कर रहे लोग जैसे तैसे अपने-अपने घर लौटे रहे हैं. इस तरह बिहारियों पर की गयी पुलिसिया कार्रवाई की निंदा करते हुए उन्होंने बिहार सरकार से नागालैंड में काम कर रहे बिहारियों की सुरक्षा, मृतक रमेश यादव के शव को पुन: पोस्टमार्टम कराने व पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने,
आश्रितों को सरकारी नौकरी देने तथा बिहार सरकार नागालैंड सरकार से वार्ता कर दोषी पुलिस कर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज कराने की मांग की है. साथ ही वहां के पुलिस के चंगुल में फंसे दो युवक चंदन सिंह व मनोज यादव की रिहाई करवाने की मांग की है.
सुरेंद्र विवेक, सामाजिक कार्यकर्ता, बलिया
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