हादसा . नौरंगा कोहबा घाट पर नाव पलटने की हुई थी घटना
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पीड़ित परिवार में कोहराम
हादसा . नौरंगा कोहबा घाट पर नाव पलटने की हुई थी घटना घटनास्थल से काफी दूर मिला एक का शव बलिया : बलिया थाना क्षेत्र के नौरंगा कोहबा गंगा घाट पर नाव पलटने की घटना के तीन दिन बीत गये.घटना के बाद से ही पीड़ित परिवार में कोहराम मचा हुआ है. रविवार को नाव पलटने […]
घटनास्थल से काफी दूर मिला एक का शव
बलिया : बलिया थाना क्षेत्र के नौरंगा कोहबा गंगा घाट पर नाव पलटने की घटना के तीन दिन बीत गये.घटना के बाद से ही पीड़ित परिवार में कोहराम मचा हुआ है. रविवार को नाव पलटने की घटना में लापता विनय साह की लाश मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. ज्ञात हो कि इस हादसे में लापता तीन लोगों में दो पिता-पुत्र शामिल हैं. जिसमें पुत्र विनय की लाश मिल गयी है वहीं पिता सागर साह अभी भी लापता हैं.
दो में से एक का शव मिलते ही उक्त परिवार के सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल है. बड़ी संख्या में लोग पीडि़त के घर पहुंच कर सांत्वना दे रहे हैं. बताया जाता है कि दोनों पिता-पुत्र रिश्तेदार के यहां गये हुए थे. वहां आयोजित कार्यक्रम में भाग लेकर वापस घर लौट रहे थे. इसी क्रम में गंगा नदी में नाव पलट गयी और उस पर सवार तीन लोग लापता हो गये.
जिसमें दो पिता-पुत्र शामिल थे.
घटना स्थल से काफी दूर मिली लाश :गंगा नदी में नाव हादसे में लापता तीन लोगों में से एक की लाश घटनास्थल से लगभग 12 किलोमीटर पूरब मुंगेर जिले के जनमडिगरी घाट के समीप मिली.इससे पूरे इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है. आम लोगों का कहना है कि यह हादसा गंगा नदी की मुख्यधारा में हुआ है. एसडीआरएफ के लिए यह चुनौतीपूर्ण कार्य है. ज्ञात हो कि इस हादसे के हुए 36 घंटे बीत चुके हैं .
वर्ष 2013 में भी बलिया में हो चुका है नाव हादसा :बलिया प्रखंड क्षेत्र में 2013 में आयी भीषण बाढ़ के बाद अब तक लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों की नाव हादसे में जान जा चुकी है. वर्ष 2013 में बलिया थाना क्षेत्र के तुलसीटोल व पहाड़पुर के बीच हुए नाव हादसे में लगभग 10 लोगों की मौत हुई थी. इसमें सवार ज्यादातर लोग पहाड़पुर दियारा के ही थे. उस समय भी एनडीआरएफ की टीम को शवों को खोजने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी. इसके बाद भी एक बच्चे की लाश आज तक नहीं मिल पायी. जिसे बाद में प्रशासन ने मृत मान लिया था.
ओवरलोडिंग के चलते होता है नाव हादसा :दियारा क्षेत्रों में गंगा नदी में होने वाले नाव हादसे का प्रमुख कारण ओवरलोडिंग बताया जाता है. नाव पर क्षमता से अधिक लोगों को बैठा लिया जाता है, जो बाद में लोगों की मौत का कारण बनता है. ज्ञात हो कि बाढ़ के समय प्रखंड के दियारा क्षेत्र के पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय तक आने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा होता है.
इसके बाद भी नाव में ओवरलोडिंग कर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जाता है. इस तरह की व्यवस्था पर समय रहते जिला प्रशासन एवं अनुमंडल प्रशासन को हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि इस तरह की नौका दुर्घटना पर विराम लग सके.
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