बेगूसराय (नगर) : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में व्यक्ति नहीं संगठन प्रधान है. परिषद के सदस्य अपनी कर्मठता और ईमानदारी के लिए जाने जाते रहे हैं. उक्त बातें प्रभात खबर के साथ साझा करते हुए तीसरी बार निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव जीत कर आयीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अध्यक्षा पूनम सिंह ने व्यक्त किया. पेशे से जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा में मनोविज्ञान की प्राध्यापिका डॉ पूनम सिंह कहती है कि महिलाओं के राष्ट्रीय क्षितिज शेष
विद्यार्थी परिषद में…
पर समानता के साथ लाना है. इसलिए आज इस अधिवेशन में 200 से अधिक प्रतिनिधि छात्राएं हैं.
राजनीति में जाने का इरादा नहीं : पूनम सिंह ने कहा कि राजनीति में जाने का कोई इरादा अभी तक नहीं है. देश में असहिष्णुता के मसले पर उन्होंने कहा कि इस देश में सैनिक मारे जाते हैं, बम ब्लास्ट होता है. तब किसी को असहिष्णुता नहीं दिखती है, लेकिन इस देश में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होते हैं तो देश असहिष्णु हो जाता है. डॉ पूनम कहती हैं कि विद्यार्थी परिषद चुनाव लड़ने का संगठन नहीं, बल्कि देश निर्माण का संगठन है. इसमें युवाओं को संगठन के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है.
मुंगेर के धरहरा में हुआ जन्म
मुंगेर जिले के धरहरा गांव में पैदा हुई 42 वर्षीय डॉ सिंह बताती हैं कि राजनीति मेरी विरासत में नहीं रहा है. वर्ष 2014 में महेंद्र महिला कॉलेज गोपालगंज में बतौर प्राध्यापिका रहते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ग्रहण की. छात्र जीवन में परदे में रहने के कारण अपने विचारों की अभिव्यक्ति परिषद के बैनर तले मिली. गोपालगंज में नगर उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए लगा कि परिषद देश में एक सबसे बड़ी संगठन है. जो सामाजिक कार्यो में अभिरुचि रखती हैं. भोजपुर के बड़गांव में अभियंता पति संजय कुमार के सहयोग से वह संगठन के लिए कार्य करते हुए काफी प्रसन्न हैं.