* वरीय उपसमाहर्ता ने की स्थल जांच
भगवानपुर (बेगूसराय) : नये चापाकल गाड़ने की योजना अधर में लटकी शीर्षक से प्रभात खबर में छपी खबर ने रंग लायी और उसका असर दिखने लगा है. इस खबर की सुधि लेते हुए वरीय उपसमाहर्ता कुंदन कुमार ने क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में जाकर बीआरजीएफ के तहत पंचायत समिति अंश से गाड़े जानेवाले चापाकलों की भौतिक जांच की, जिसमें व्यापक रूप से गड़बड़ियां सामने आयीं.
जांच के उपरांत वरीय उपसमाहर्ता ने बताया कि मेहदौली पंचायत में योजना संख्या 15 वर्ष 11-12 क तहत पांच चापाकल की स्वीकृति मिली थी, जिसकी प्राक्कलन राशि 67 हजार, 3 सौ 14 रुपये हैं. इसमें से अभिकर्ता को 57 हजार, 500 का भुगतान कर दिया गया है. भौतिक सत्यापन में पांच में से चार चापाकल ही गाड़े गये हैं, जिनमें तीन पानी देते हैं, जबकि एक खराब है. एक चापाकल का हेड व पाइप लाभार्थी चितरंजन पासवान के घर में रखा हुआ हैं.
श्री पासवान ने बताया कि मैंने चापाकल गाड़ने हेतु 1300 रुपये अपनी जेब से दिया हूं, जबकि अभिकर्ता को देने चाहिए थे. नरहरिपुर पंचायत में योजना सं 9 वर्ष 11-12 के तहत पांच चापाकल गाड़ने की स्वीकृति मिली थी. प्राक्कलन 81 हजार 150 है, जिसके एवज में अभिकर्ता के 72 हजार, 500 रुपये भुगतान कर दिया गया है. भौतिक सत्यापन में पांच में से दो चापाकल गाड़े गये हैं. जो पानी देते हैं.
वहीं, मोख्तियारपुर पंचायत में योजना सं 11 वर्ष 11-12 के तहत कुल 10 चापाकल गाड़ने की स्वीकृति मिली थी, जिसका प्राक्कलन 1 लाख 62 हजार 300 था, जिसमें अभिकर्ता को 1 लाख 37 हजार भुगतान कर दिये गये हैं. भौतिक सत्यापन में 10 में से नहीं गाड़े गये हैं. तीन चापाकल स्वीकृत स्थल से अलग गाड़े गये हैं. दो चापाकल के हेड व पाइप पंचायत समिति अनमोल सिंह के घर में छह माह से रखे हुए हैं. दामोदारपुर पंचायत में योजना संख्या 12, वर्ष 11-12 के तहत 10 चापाकलों की स्वीकृति मिली थी, जिसका प्राक्कनल एक लाख 34 हजार 6 सौ 80 है. इनमें से अभिकर्ता को एक लाख 12 हजार पांच सौ रुपये का भुगतान कर दिया गया है.
भौतिक सत्यापन में 10 में से सात चापाकल गड़े मिले. दो चापाकल पानी नहीं देते हैं, शेष 3 चापाकल जो गड़े नहीं गये हैं. उनमें से एक हेड व पाइप लाभार्थी केदारनाथ राय के घर पर 6 माह से रखा हुआ है. वह एक लाभार्थी रामाशीष राय को सिर्फ हेड दिया गया है. जो घर में रखा हुआ है. उन्हें पाइप नहीं दी गयी है. पाइप पंचायत समिति सदस्य लक्ष्मी देवी के घर में रखी हुई है.
लाभार्थी गोरेलाल महतो की पत्नी फूलन देवी ने बताया कि घूस दी तो हमारे दरवाजे पर चापाकल गड़वाये गये. राजेंद्र केवट ने बताया कि चापाकल गड़वाने की मजदूरी की मांग की गयी है, जो मेहनत मजदूरी कर चुकाने का वादा किया हूं. साथ ही मो फुरकान की पत्नी नुरपुर कटहरिया निवासी सफिना खातून ने बताया कि चापाकल गाड़ने की मजदूरी घर से 11 सौ रुपये दी हूं, जबकि पंचायत समिति सदस्य को पहले ही गड़वाने की मजदूरी अभिकर्ता द्वारा दे दी गयी है. बनबारीपुर पंचायत में योजना सं 14 वर्ष 11-12 के तहत पांच चापाकलों की स्वीकृति मिली थी.
प्राक्कलन राशि 81 हजार 150 है, अभिकर्ता को 57 हजार 500 भुगतान कर दिया गया है. भौतिक सत्यापन में 5 में से 3 चापाकल गाड़े हुए मिले, जिसमें दो पानी नहीं देते हैं. इनमें दो पानी देते हैं. दो चापाकल स्वीकृत है. एक गुलटन राय व एक राम रक्षी सहनी के नाम से, जो नहीं गाड़े गये हैं. रामक्षी सहनी और कोई नहीं बल्कि उपप्रमुख रिंकु देवी के ससुर हैं. इस प्रकार उपप्रमुख ने अपने ससुर के नाम से चापाकल स्वीकृत करवा कर चापाकल की हेड पाइप अपने घर में रख लिये हैं. अभी तक जमीन में नहीं गड़वाया गया है.
महेशपुर पंचायत में योजना संख्या चार वर्ष 11-12 के तहत पांच चापाकल की स्वीकृति मिली थी, उसका प्राक्कलन 67 हजार 340 है. अभिकर्ता को 57 हजार, 500 रुपये का भुगतान किया गया है. भौतिक सत्यापन में चयनित स्थल से सभी चापाकल अलग गाड़े गये हैं एवं सभी पंचायतों में चापाकल गाड़े जाने के बाद चबूतरा नहीं बनाया गया है. विदित हो कि इन सभी चापाकलों के अभिकर्ता पंचायत सचिव सह प्रखंड कृषि पदाधिकारी जितेंद्र सिंह हैं. इसकी रिपोर्ट वरीय उपसमाहर्ता डीएम को सौंप दिया है.