मंझौल : जयमंगलागढ़ में चोरी की घटनाओं को देखते हुए प्राचीन मूर्तियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी हैं. क्षेत्र के लोग मूर्तियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. सुरक्षा की कोई स्थायी व कारगर व्यवस्था नहीं है. जिले में पूर्व में मूर्तियों की चोरी करनेवाले शातिर गिरोह को पुलिस द्वारा पकड़ा गया है.
जयमंगलागढ़ का इतिहास व संस्कृति काफी समृद्घ है. जयमंगलागढ़ अपने में अनेक सभ्यता एवं संस्कृतियों को समाहित किये हुए है. रात में संपूर्ण परिसर सूना रहता है. क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से गढ़ परिसर में स्थायी सुरक्षा की मांग की है. पुजारी एवं प्रशासन दोनों मंदिर की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं हैं.
* खून के धब्बों का नहीं खुला रहस्य
मंझौल(बेगूसराय) : मंदिर परिसर से आधा किमी तक खून के धब्बों का रहस्य नहीं खुल पाया है. मंदिर में खून के धब्बों को पुजारी द्वारा धो दिया गया. ऐसा अनुमान है कि मूर्ति के ग्रिल तोड़ने के क्रम में चोर जख्मी हो गया. श्वान दस्ते द्वारा चोर पकड़ने का प्रयास विफल हो गया. मंदिर परिसर में व्यवस्था व सफाई का अभाव रहता है. एक जनवरी एवं किसी वीआइपी के आगमन या विशेष प्रयोजन पर ही सुरक्षा की व्यवस्था की जाती है.
* उपेक्षा का दंश झेल रहा जयमंगलागढ़
मंझौल (बेगूसराय) : 52 शक्तिपीठों में एक जयमंगलागढ़ इन दिनों उपेक्षा का देश झेल रहा है. पर्यटक स्थल के रूप में आज तक यह सिर्फ चर्चा के रूप में ही बन कर रह गया है, जबकि राज्य सरकार के मंत्री एवं आलाधिकारियों का भी यहां आगमन होते रहता है.
बताया जाता है कि जयमंगलागढ़ शक्तिपीठ के अलावा सिद्धपीठ भी है. पौराणिक मान्यता के अनुसार माता सती का बायां कंधा जल कर यहां गिरा था. उसी दिन से यह क्षेत्र काफी चर्चित हो गया, लेकिन राजनीतिक नेताओं का आश्वासन आज तक पूरा नहीं हो पाया है, जिससे आसपास के लोगों में निराशा देखी जा रही है.
* चोरी की घटना के बाद छापेमारी जारी
मंझौल (बेगूसराय) : जयमंगलागढ़ मंदिर में हुई चोरी की घटना को लेकर चोरों की धर-पकड़ के लिए पुलिस द्वारा छापेमारी जारी है. इस मामले में पुलिस के द्वारा कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. ओपी अध्यक्ष बालकृष्ण राय ने बताया कि इस मामले में पुलिस छानबीन कर रही है. फिलहाल कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं मिल पाया है.