बेगूसराय(कोर्ट) : जिला एवं सत्र न्यायाधीश गंगोत्री राम त्रिपाठी ने मटिहानी ग्राम पंचायत- एक के पूर्व मुखिया अरविंद सिंह समेत छह आरोपितों क्रमश: बमबम सिंह, रामपूजन सिह, अश्विनी सिंह, मुकुंद सिंह एवं राजीव सिंह को अंतर्गत धारा 302,149, 120बी भारतीय दंड विधान एवं 27 शस्त्र अधिनियम में दोषी पाकर सजा की बिंदुओं पर सुनवाई के लिए छह सितंबर की तारीख मुकर्रर की है. हत्या में दोषी पाते ही न्यायालय ने सभी आरोपितों को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया.
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हत्या मामले में पूर्व मुखिया समेत छह दोषी
बेगूसराय(कोर्ट) : जिला एवं सत्र न्यायाधीश गंगोत्री राम त्रिपाठी ने मटिहानी ग्राम पंचायत- एक के पूर्व मुखिया अरविंद सिंह समेत छह आरोपितों क्रमश: बमबम सिंह, रामपूजन सिह, अश्विनी सिंह, मुकुंद सिंह एवं राजीव सिंह को अंतर्गत धारा 302,149, 120बी भारतीय दंड विधान एवं 27 शस्त्र अधिनियम में दोषी पाकर सजा की बिंदुओं पर सुनवाई के […]
अभियोजन की ओर से लोक अभियोजन सैयद मोहम्मद मंसूर आलम ने सात गवाहों की गवाही करायी. सभी गवाहों ने हत्या में सभी आरोपित की संलिप्तता बतायी. बचाव पक्ष की ओर से भी गवाह को पेश किया गया. जिसने न्यायालय को बताया कि आरोपित को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण इस मामले में फंसाया जा रहा है. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बचाव पक्ष के इस दलील को खारिज कर दिया.
जिसमें यह कहा गया कि आरोपित को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण इस मामले में फंसाया गया. सभी आरोपितों पर आरोप है कि चार मई 2006 को 5:15 बजे मटिहानी थाना निवासी महेश्वर यादव के पुत्र राकेश कुमार उर्फ संतोष क्रिकेट मैच खेलने माली टोला सिंहमा गया और मैच के समापन के बाद सभी आरोपित एके 47, राइफल सहित अन्य घातक हथियार से लैस होकर राकेश कुमार उर्फ फंटुश को खदेड़ना शुरू कर दिया. उसे माली टोला सिहमा के पास घेर कर एके 47 की गोली से छलनी कर हत्या कर दी. इस घटना की प्राथमिकी मृतक फंटुश के पिता सूचक महेश्वर यादव ने मटिहानी थाना कांड संख्या 38 /06 के तहत सभी आरोपितों को नामजद बनाते हुए मुकदमा दर्ज करायी थी. इस मुकदमा के अनुसंधानकर्ता ने पूर्व मुखिया अरविंद सिंह को छोड़कर अन्य पांच के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया था. आरोप पत्र के पांच आरोपित रामपूजन सिंह, अश्विनी सिंह, मुकुंद सिंह, राजीव सिंह, बमबम सिंह का जब विचारण सत्र न्यायालय में चल रहा था. तब उस विचारण में उपस्थित गवाहों ने इस घटना में अरविंद सिंह की भी संलिप्तता बतायी. तब अभियोजन की ओर से एक आवेदन अंतर्गत 319 दंप्रसं तहत दाखिल कर पूर्व मुखिया अरविंद सिंह को भी मुदालय बनाने का निवेदन किया. जिसे न्यायालय ने स्वीकृत करते हुए पूर्व मुखिया अरविंद सिंह को मुदालय बनाते हुए न्यायालय में उपस्थित होने के लिए सम्मन निर्गत किया. इस मामले में पूर्व मुखिया अरविंद सिंह को उच्च न्यायालय पटना द्वारा जमानत दी गयी और इस मुकदमा में अरविंद सिंह के आरोपित बनने के बाद हुई गवाही में अरविंद सिंह की संलिप्तता पायी गयी. न्यायालय ने पूर्व मुखिया अरविंद सिंह समेत अन्य को गुरुवार को हत्या में दोषी घोषित किया. न्यायालय में फैसला आने से पूर्व ही पूर्व मुखिया अरविंद सिंह के समर्थक सैकड़ों की संख्या में न्यायालय परिसर में उपस्थित थे. जिस भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने न्यायालय में काफी संख्या में पुलिस की तैनाती कर न्यायालय परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दी थी.
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